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अनूठी रही गुजरी महल की सभा विश्व प्रसिद्ध गुजरी महल मैं

अनूठी रही गुजरी महल की सभा विश्व प्रसिद्ध गुजरी महल मैं सूरज छोड़ें होंगे वहां आज फिर सुरों की महफिल सजी और उसमें देश विदेश की महिलाएं कलाकारों ने की प्रस्तुतियां दी यह सभा अपने आप में अनूठी रही सभा का शुभारंभ

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अनूठी रही गुजरी महल की सभा विश्व प्रसिद्ध गुजरी महल मैं

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बेल्जियम के कलाकारों ने दी यूरोप व अमेरिका के संगीत की प्रस्तुति

बेल्जियम के कलाकारों ने दी यूरोप व अमेरिका के संगीत की प्रस्तुति लेजियम से आई कलाकार ने विश्व संगीत के तहत यूरोप और अमेरिका का परंपरा संगीत प्रस्तुत किया लेजियम की क्रेज ने एक के बाद एक इंग्लिश सॉन्ग की प्रस्तुति दी

तुम बिनु कौन खबरिया सभा की अगली कलाकार की भोपाल

तुम बिनु कौन खबरिया सभा की अगली कलाकार की भोपाल की जय श्री शगुन जी जय श्री ने राग शुद्ध कल्याण में अपने गायन की शुरुआत की अलाव भरने के बाद उन्होंने इस राग में दो बंदिश के बोल थे तुम बिन विनो कौन खबरिया जबकि तीन ताल में दूध बंदे के बोल थे मोरा रे मोरा मान रहे दोनों ही बंदिश को अपने पूरे मनोयोग से गया अपने एक तराना भी पेश किया गायन का समापन अपने राग माला से किया तबले पर मनोज पाटीदार और हारमोनियम पर संजीव कुमार सिन्हा ने संगत की जबकि सारंगी पर थे आबिद हुसैन

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