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पांच साल में न जोन बने और न ही स्टैंड, इसी कारण शहर में बढ़ गए ई-रिक्शा

प्रशासन और ई-रिक्शा डीलर्स व चालकों की एसोसिएशन के बीच कभी सहमति नहीं बन पाई ई-रिक्शा पर्यावरण व शहर दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं, लेकिन आवश्यकता से ज्यादा संख्या में चलने के कारण परेशानी का सबब बन गए हैं।

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पांच साल में न जोन बने और न ही स्टैंड, इसी कारण शहर में बढ़ गए ई-रिक्शा

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