
शहर में रविवार को करवा चौथ इसी तरह के माहौल में श्रद्धापूर्वक मनाई। महिलाओं ने शिव परिवार व चन्द्रमा का पूजन कर फल, फूल, नैवेद्य अर्पित किए और चन्द्रमा को अघ्र्य देकर पति की दीर्घायु व सुख समृद्धि की कामना की।

चन्द्रोदय के बाद पूजा अर्चना का दौर चला। महिलाएं कहीं मंदिरों में एकत्रित होकर सामूहिक रूप से तो कहीं घर आंगन में ननद भौजाई, देवरानी जिठानी, सास बहू के संग पूजन किया।

मातृशक्ति ने पर्व की खुशियों को एक दूसरे से साझा किया। पूजा-अर्चना के बाद एक-दूसरे को सुहाग के प्रतीक, करवा, खाजे व अन्य उपहार भेंट कर शुभकामना दी, वहीं बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया।

इस मौके पर बुजुर्ग महिलाओं से करवा चौथ की कथा भी सुनी।

गुमानपुरा न्यू कॉलोनी स्थित शीतला माता मंदिर में पंजाबी समाज की महिलाओं ने अपने रीति रिवाजों के अनुसार पूजन किया। मंदिर में दोपहर बाद से ही पूजा-अर्चना का दौर चला, जो शाम तक जारी रहा। वहीं सेवन वंडर्स पर खास तौर पर राजस्थानी लोक गायन का आयोजन किया गया था।

बाद में महिलाओं ने अपने घर पूजन कर चन्द्रमा के दर्शन के साथ व्रत खोला। वहीं सेवन वंडर्स पर आतिशबाजी के बीच सुहाग का चांद देखते ही बन रहा था।

शाम को पूजन के बाद बहू सास को श्रद्धानुसार भेंट देकर आशीर्वाद लेती है। महिलाओं ने दिनभर भूख-प्यास सहन की, शाम को पति परमेश्वर के हाथों से पानी पीकर व्रत खोला। इस वर्ष रविवार होने से अधिकतर लोग घर पर ही रहे, जिससे महिलाओं को इंतजार नहीं करना पड़ा।

जहां एक ओर शहर भर के मंदिरों में देर रात तक दर्शानर्थियों की लंबी कतारें लगीं रहीं वहीं सुहाग के इस त्यौहार को सेलिब्रेट करने के लिए सेवन वंडर्स में खास आतिशबाजी का आयोजन किया गया था।