
chetany tecno school
जिले में पहली बार किसी बड़े निजी स्कूल पर प्रशासन की कार्रवाई, जांच में सामने आई अनियमिततताएं
कार्रवाई के दौरान जब्त पुस्तकें, यूनिफार्म राजसात, जरुरतमंदों को एक तिहाई मूल्य पर देंगे।
रतलाम. डेलनपुर स्थित चैतन्य टेक्नो स्कूल पर कलेक्टर राजेश बाथम ने दो लाख का जुर्माना लगाया है। साथ ही स्कूल की मान्यता खत्म करने के लिए राज्य सरकार को भी पत्र लिखा है। यह पहला मौका है जब किसी निजी और बड़े स्कूल पर प्रशासन की इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। कलेक्टर ने वहां से जब्त सारी पुस्तकें और यूनिफॉर्म भी राजसात करने के आदेश जारी किए हैं। जब्त पुस्तकें, यूनिफॉर्म डीईओ की निगरानी में स्कूल परिसर से ही उनके प्रिंट मूल्य से एक तिहाई मूल्य पर जरुरतमंद विद्यार्थियों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर बेचा जाएगा।
कलेक्टर बाथम ने बताया डेलनपुर स्थित श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल प्रबंधन ने अध्यनरत् छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों पर दबाव डालकर मनमाने दामों पर स्कूल से ही गणवेश एवं पुस्तकें खरीदने के लिये बाध्य करने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। इस संबंध में जांच के लिए तहसीलदार एवं जिला शिक्षा अधिकारी के संयुक्त दल ने 7 जुलाई को आकस्मिक निरीक्षण किया था। इस दौरान स्कूल के कमरों में बड़ी मात्रा में पुस्तकें और यूनिफार्म के साथ ही टाई-बेल्ट, ब्लेजर, स्वेटर आदि मिले थे ये सभी अभिभावकों को मनमाने दामों पर बेचने के लिए संग्रहित किए गए थे।
तहसीलदार ऋषभ ठाकुर, डीईओ केसी शर्मा के जांच दल ने 7 जुलाई की की छापामार कार्रवाई के दौरान स्कूल भवन के ग्राउण्ड फ्लोर के तीन कक्ष एवं प्रथम तल के एक कक्ष में गणवेश एवं पाठ्य पुस्तकों का भंडार किया गया पाया था। भंडारण में 304 पैकेट में ड्रेस, बेल्ट, टाई, मौजे, 295 पैकेट स्वेटर, 36 बंडल पुस्तकें (कक्षा 1 से 10 तक), 9 पुस्तक पैकेट, 3 कॉपी के बंडल मिले थे। स्कूल को 9 जुलाई को नोटिस जारी किया और 12 जुलाई को स्कूल की तरफ से प्रशासन को जवाब मिला था।
मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 6 (1) घ के अनुसार निजी विद्यालय प्रबंधन छात्र या अभिभावकों को पुस्तके, यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से खरीदने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक, किसी भी रूप में बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से कय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। अभिभावक पुस्तकों के अलावा संस्थाओं द्वारा यूनिफार्म, टाई, जूतें, कापियां, आदि भी विद्यार्थी या अभिभावकगण खुले बाजार से खरीदने को स्वतंत्र होंगे। किसी भी दुकान विशेष से पुस्तकें एवं अन्य सामग्री के कय का दबाव नहीं बनाया जाएगा।
कलेक्टर बाथम के अनुसार 12 जुलाई को चैतन्य टेक्नो स्कूल की प्राचार्य रमादेवी ने स्वयं उपस्थित होकर लिखित में जवाब प्रस्तुत किया। उनके अनुसार संस्थान में एनसीईआरटी किताबों का ही स्कूल में उपयोग किया जाता है। विद्यार्थियों को उनके बहतरे भविष्य के लिए कुछ अलग से किताबों की पढ़ाई करवाई जाती है, जिसका किसी प्रकार से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। वेंडर्स से चर्चा की गई थी। इसके बाद हमें यह कहा गया था कि आप हमें सभी किताबों को मंगवाकर दें। जिसे हम विक्रय कर देंगे। वेेंडर को पुस्तकें ले जाने को कहा, लेकिन वह नहीं ले गया। संस्था ने यूनिफार्म भी विक्रय नहीं की गई। यह सब वेंडर द्वारा मंगवाई गई थी।
आदेश में स्पष्ट किया कि स्कूल से जब्त पुस्तकें, यूनिफॉर्म, टाई-बेल्ट, मोजे आदि राजसात की जाती है। सभी यूनिफार्म एवं पुस्तकों का स्टॉक डीईओ को सौंपते हुए कहा कि इनका विक्रय स्कूल के जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को अपनी निगरानी में उसी परिसर से किया जाए। राजसात स्टॉक की यूनिफार्म एवं पुस्तकों को प्रथम आओ प्रथम पाओं के सिद्धान्त के आधार उनका विक्रय प्रिंट मूल्य के एक तिहाई मूल्य पर किया जाए।
कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि प्राचार्य के कथन के अनुसार प्रदेश के अन्य स्कूलों पर भी इस प्रकार यूनिफार्म एवं पुस्तकों का विक्रय किया जाना संभावित है। अत: इस व्यापक अवैधानिक कृत्य के लिए स्कूल की मान्यता समाप्त किया जाना उचित प्रतीत होता है। प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित किया जाए।
Updated on:
17 Jul 2024 12:57 pm
Published on:
17 Jul 2024 11:58 am
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