28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने लॉन्च किया ‘समाजवादी परफ्यूम’, लोगों ने उड़ाया मजाक

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को 'समाजवादी इत्र' नाम से परफ्यूम लॉन्च किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अखिलेश यादव का मजाक उड़ाया।

2 min read
Google source verification
Akhilesh Yadav Smajwadi Perfume

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को 'समाजवादी इत्र' नाम से परफ्यूम लॉन्च किया जिसे कन्नौज से सपा एमएलसी पुष्पराज जैन पम्पी ने तैयार किया है। पम्पी ने दावा किया है कि इस इत्र को तैयार करने में 2 वैज्ञानिकों को 4 महीने का समय लगा है जिसमें न्नौज की मिट्टी का भी प्रयोग किया गया है। इस परफ्यूम का इस्तेमाल करने वालों को समाजवाद की सुगंध और भाईचारा महसूस होगा, उनके मन से नफरत खत्म होगी। लाल और हरे रंग के इस परफ्यूम की बोतल पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ पार्टी के चिन्ह और रंग हैं, साथ ही इसपर सपा एमएलसी ने अपना नंबर भी दिया है।

इस परफ्यूम के लॉन्च के समय अखिलेश यादव ने कहा, "2022 में बदलाव होकर रहेगा और जो महकते हुए जाएंगे उन्हें समाजवादी विचारधारा याद दिलाते हुए जाएंगे।" सपा के एमएलसी ने बताया कि 22 खुशबुओं का इसलिए मेल किया गया क्योंकि नफरत की आंधी जो फैली हुई है, उसे ये परफ्यूम खत्म करके प्रेम का माहौल बनाने का काम करेगी। इसके साथ ही सपा ने ये भी दावा किया कि पार्टी एक और प्राकृतिक परफ्यूम को बनाने की तैयारी की जा रही है, जो 2024 में लॉन्च होगा और पूरे देश में नफरत की फैली आंधी को खत्म करने का काम करेगा।

वहीं, इस परफ्यूम को लेकर लोगों ने खुब चुटकी ली। एक यूजर ने लिखा, "परफ्यूम .. राजनीति में ऐसे लोग भी हैं जो राहुल गांधी को मूर्खता करने के मामले में चुनौती दे सकते हैं!"

एक अन्य यूजर ने लिखा, "कन्नौज .. इत्र की नगरी। जहाँ से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव 2019 का आम चुनाव हार गईं थीं।"

ऐसे ही कई यूजर्स ने अखिलेश यादव को उनके इत्र के लिए ट्रोल किया। हालांकि, 2022 के चुनावी नतीजों में साफ़ हो जायेगा प्रदेश की जनता को समाजवादी इत्र कितना पसंद आया है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में पांच साल सत्ता में रही सपा वर्ष 2017 में महज 48 सीटों पर ही सिमट गई थी, जबकि पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन भी किया था। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के कारण ही सपा को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। शायद यही कारण है कि इस बार अखिलेश यादव ने कांग्रेस से दूरी बना कर रखी है। हालांकि, वो प्रदेश की अन्य पार्टियों से गठबंधन करने की बात कई मंचों से कर चुके हैं।