दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बागी विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखी है, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है। शाह की बैठक में कर्नाटक के बीजेपी नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
बैठक का एजेंडा यह तय करना था कि कितने बागियों को बीजेपी का टिकट दिया जाए और कितने को न दिया जाए। अगर ऐसा है तो यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि छोड़े जाने वाले विधायकों की नाराजगी से भाजपा की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार को नुकसान नहीं पहुंचे।
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बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में कांग्रेस के प्रताप गौडा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवराम हैब्बर, एसटी सोमशेखर, ब्यराति बासवराज, आनंद सिंह, आर रोशन बेग, मुनिरत्ना, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रमेश जार्किहोली, महेश कुमाताहल्ली और आर शंकर, जबकि, जेडीएस के एएच विश्वनाथ, गोपालैयाह और नारायण गौडा शामिल हैं और ये नेता कल (गुरुवार) 10.30 बजे बीजेपी में शामिल होंगे।
बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में कांग्रेस के प्रताप गौडा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवराम हैब्बर, एसटी सोमशेखर, ब्यराति बासवराज, आनंद सिंह, आर रोशन बेग, मुनिरत्ना, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रमेश जार्किहोली, महेश कुमाताहल्ली और आर शंकर, जबकि, जेडीएस के एएच विश्वनाथ, गोपालैयाह और नारायण गौडा शामिल हैं और ये नेता कल (गुरुवार) 10.30 बजे बीजेपी में शामिल होंगे।
बहरहाल बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि 17 विधायकों को बीजेपी टिकट दे रही है और सभी बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। बीजेपी कर्नाटक में अजीबोगरीब स्थिति का सामना कर रही है, जहां इसके बहुत से कार्यकर्ताओं व टिकट चाहने वालों को आशंका है कि बागी विधायकों को ‘पुरस्कार’ दिए जाने के कदम की वजह से उन्हें नकारा जा सकता है।
राज्य के कार्यकर्ताओं के बीच पहले ही असंतोष बढ़ रहा है, जिनका मानना है कि बाहरी बागियों के लिए बीजेपी उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को कुर्बान कर सकती है। प्रमुख बीजेपी नेता पी.मुरलीधर राव ने एक बयान में कहा, “कर्नाटक के अयोग्य करार दिए गए विधायकों को उपचुनाव में लड़ने देने की अनुमति माननीय सुप्रीम कोर्ट का स्वागत योग्य कदम है।
यह संवैधानिक अधिकार है, जिसका हम सभी को स्वागत करना चाहिए।