देश की सुरक्षा के मुद्दे पर एक बात होनी चाहिए
विपक्ष जिस तरह एनआरसी पर भेदभाव का आरोप लगा रहा है वह पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है। हर प्रक्रिया में कुछ गलतियां होती है लेकिन उसमें सुधार की गुंजाइश रहती है। देश के संसाधनों का उपयोग विदेश करें ये मंजूर नहीं। भाजपा का रूख साफ है घुसपौठियों को बाहर जाना होगा। अमित शाह ने कहा कि असम के लोगों से हित का खिलवाड़ कर कैसा मानवाधिकार है । देश की सुरक्षा के मुद्दे पर एक बात होनी चाहिए। एनआरसी में किसी भी भारतीयों का नाम नहीं कटा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआरसी की प्रक्रिया बहाल की।
सरकार ने की घुसपैठियों की पहचान
इससे पहले राज्यसभा में एनआरसी ड्राफ्ट पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि किसी में भी घुसपैठियों की पहचान की हिम्मत नहीं हुई। मई, 2016 में पहली बार भाजपा सरकार असम में बनी। हमारी सरकार ने हिम्मत दिखाई। प्रदेश भाजपा सरकार दो साल के अल्प समय में धुसपैठिए की पहचान की है। 40 लाख अवैध लोग चिन्हित किए गए हैं। भाजपा सरकार उन्हें असम से बाहर निकालकर रहेगी। अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस, टीएमसी सहित सभी विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वो लोग घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं। उनकी मंशा घुसपैठियों को बाहर भेजने की नही हैं। विपक्षी दलों का यह रवैया देशहित में नहीं है। असम में इन घुसपैठियों के खिलाफ 1980 से आंदोलन जारी है। 1986-87 में राजीव गांधी ने एक समझौता किया था। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उसके बाद से इस पर अमल नहीं किया।