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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार कानून संशोधन विधेयक लोकसभा में किया पेश

अब पहचान के लिए आधार की मांग करना संभव नहीं होगा Home minister Amit Shah लोकसभा में देंगे पहला भाषण अल्‍पसंख्‍यकों के प्रतिनिधित्‍व को मिलेगा बढ़ावा

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नई दिल्‍ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019 लोकसभा में पेश किया। इस बिल के पास होने पर किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या रखने का प्रमाण उपलब्ध कराने के लिए बाध्य करना संभव नहीं होगा।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Home minister Amit Shah) सोमवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) आरक्षण संशोधन विधेयक 2019 पेश कर सकते हैं। बतौर लोकसभा सांसद ( Loksabha Member ) यह उनका पहला विधायी कार्य है। भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह बिल पेश करने के बाद लोकसभा में आज अपना पहला भाषण देंगे।

अभी तक अध्‍यादेश के रूप में लागू था

अभी तक जम्‍मू-कश्‍मीर ( Jammu-Kashmir ) में यह बिल अध्यादेश के रूप में लागू था। 28 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान संशोधन आदेश 2019 के माध्‍यम से संविधान (जम्‍मू और कश्‍मीर में लागू होने के लिए) आदेश 1954 में संशोधन के संबंध में जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) सरकार के प्रस्‍ताव को अपनी मंजूरी दी थी। गृह मंत्री अमित शाह ( Home minister Amit Shah) आज उसी बिल को लोकसभा में पेश करेंगे।

पास होने पर क्‍या होगा असर

लोकसभा और राज्‍यसभा से पास होने के बाद यह बिल सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों को पदोन्‍नति में लाभ दिलाएगा। जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकारी रोजगार में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्‍त आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ प्रदान करेगा।