एकपक्षीय कार्रवाई टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ( TDP Chief N Chandrababu Naidu ) ने पार्टी के नेताओं की नजरबंदी को न केवल एकपक्षीय कार्रवाई बताया, बल्कि इस कार्रवाई को उन्होंने अंसवैधानिक भी बताया। टीडीपी प्रमुख ने कहा है कि यह अलोकतांत्रिक है कि किसी जनप्रतिनिधि को नजरबंद रखा जाए। अमरावती परिक्षण समिति के संयुक्त एक्शन समिति में शामिल होने जा रहे नेताओं को रोक दिया गया।
सैन्य प्रमुख बिपिन रावत के बयान पर भड़के दिग्विजय-ओवैसी, मर्यादा न लांघने की दी नए राजधानी का प्रस्ताव बना विवाद का मुद्दा उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार ( YSRCP Government ) पर 29 गावों के लोगों में तनाव पैदा करने का आरोप लगाया है। चंद्राबाबू नायडू ने कहा कि हजारों लोगों को गांवों में तैनात किया गया है। इस क्षेत्र में पुलिस राज कायम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने पिछले 5 साल से जारी नए राजधानी के विकास को काम को विवादित बना दिया है।
पूर्व सीएम एनसी नायडू ने बताया कि वाईएसआरसीपी सरकार विनाशकारी नीतियों के जरिए राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। आंध्र प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी दबाई जा रही है। इस गैर लोकतांत्रिक रवैये को लेकर जगन रेड्डी सरकार को बुरे परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
BJP CAA को लेकर 15 जनवरी तक चलाएगी देशव्यापी जनसंपर्क अभियान बता दें कि गुरुवार सुबह विजयवाड़ा पुलिस ने टीडीपी सांसद केसिनेनी श्रीनिवास और विधायक बुद्धा वेंकन्ना ( TDP MP Kesineni Shrinivas and Buddha venkanna ) को घर में ही नजरबंद ( House Arrest ) कर दिया। ऐसा कर पुलिस ने इन नेताओं को राजधानी परिक्षण समिति की अगुवाई में होने वाले धरना प्रदर्शन में भाग लेने से रोक दिया।
मामला क्या है?
दरअसल आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में अमरावती ( amrawati ) के विकास के लिए अपनी जमीनें देने वाले किसानों और अन्य ग्रामीणों सहित 29 गांवों के लोग सड़कों पर उतरे थे। इन गांवों के किसान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार से विशाखापत्तनम और कुरनूल को दो अन्य राज्य की राजधानियों के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में अमरावती ( amrawati ) के विकास के लिए अपनी जमीनें देने वाले किसानों और अन्य ग्रामीणों सहित 29 गांवों के लोग सड़कों पर उतरे थे। इन गांवों के किसान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार से विशाखापत्तनम और कुरनूल को दो अन्य राज्य की राजधानियों के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
अधीर रंजन चौधरी का विवादित बयान- मोदी और शाह लोगों को गुमराह करने में हैं मास्टर किसानों की मांग है कि सिर्फ अमरावती को ही राजधानी के तौर पर विकसित किया जाए। अमरावती के लिए 33,000 एकड़ जमीन देने वाले किसानों को डर है कि राज्य की तीन राजधानियों के विकास से उनके हित प्रभावित होंगे। टीडीपी नेता किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।