विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अनंतपुर और श्रीकाकुलम से रेलगाड़ियां राजनीतिक दलों, संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और संगठनों के नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी ले जाएंगी, ताकि वे एक दिवसीय ‘दीक्षा’ (विरोध) में भाग ले सकें।
दोनों रेलगाड़ियां रविवार सुबह 10 बजे तक नई दिल्ली पहुंच जाएंगी। यह विरोध प्रदर्शन आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में किए गए अन्य वादों को पूरा करने में विफल रहने के खिलाफ है।
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष नायडू ने विपक्षी दलों सहित सभी से अपील की है कि वे विरोध प्रदर्शन को सफल बनाएं। तेदेपा ने पिछले साल भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
वहीं, चंद्रबाबू नायडू ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अपने सदस्यों और कार्यकर्ताओं से शनिवार को कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को प्रस्तावित राज्य की यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन करें। नायडू तेदेपा के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने टेलीकॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कार्यकर्ताओं और पार्टी सदस्यों से कहा कि राज्य के साथ केंद्र के ‘विश्वासघात’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन इस पैमाने पर किया जाना चाहिए कि पूरे देश का ध्यान इस ओर आकर्षित हो।
मोदी गुंटूर में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। तेदेपा द्वारा पिछले साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ संबंध तोड़ने के बाद यह आंध्र प्रदेश की उनकी पहली यात्रा होगी। तेदेपा प्रमुख सोमवार को नई दिल्ली में दिन भर का विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए तरीके से विरोध-प्रदर्शन आयोजित किए जाने चाहिए।
नायडू ने आरोप लगाया कि मोदी 2014 में राज्य के विभाजन के बाद की बर्बादी देखने के लिए राज्य आ रहे हैं। इससे पहले नायडू ने मोदी के दौरे पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था, “क्या वह यहां यह देखने आ रहे हैं कि लोग अभी भी जीवित हैं या नहीं?” नायडू ने कहा कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिश रची गई।