मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बुधवार सुबह ट्वीट किया कि उनका संघर्ष जारी है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मेरे प्यारे दिल्लीवासियों सुप्रभात..संघर्ष जारी है।’
सिसोदिया का भी अनशन भी शुरूवहीं दूसरी ओर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी आज भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सिसोदिया ने लिखा दिल्ली की जनता को उसका हक दिलाने और उसके रूके हुए काम कराने के लिए आज से मैं भी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ रहा हूं। सत्येंद्र जैन का अनशन भी कल से जारी है। हमारा आत्मबल और जनका का विश्वास ही हमारी ताकत है।
सोमवार से शुरू हुआ सरकार का धरना चारों नेता अपनी मांगों के साथ सोमवार शाम 5.30 बजे उपराज्यपाल के कार्यालय पहुंचे थे, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अपनी हड़ताल खत्म करने और चार महीनों से काम न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग शामिल है। मुख्यमंत्री गरीबों को उनके घरों तक राशन पहुंचाने के लिए सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने मांग पूरी होने तक बैजल के कार्यालय में ही रहने का फैसला किया है।
केजरीवाल का एलजी-केंद्र पर हमला केजरीवाल ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें वह दिल्ली के लोगों से कह रहे हैं कि यह विरोध प्रदर्शन आपके लिए है..दिल्ली के लोगों के लिए है, ताकि आपको सड़क, स्कूल, अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक्स, पानी और बिजली मिल सके। उन्होंने कहा, आईएएस अधिकारी केवल महत्वपूर्ण फाइलों पर काम कर रहे हैं, लेकिन वे मंत्रियों के फोन और मैसेज का जवाब नहीं दे रहे हैं और न ही बैठक में शामिल हो रहे हैं। सीएम ने कहा कि दिल्ली के लोग परेशानी में हैं, सरकार की दिल्ली के लिए योजना परेशानी में है। वीडियो में केजरीवाल ने यह भी कहा कि बैजल ने दिल्ली के निवासियों के लिए घर-घर जाकर राशन वितरण को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने हमसे इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेने की बात कही। हम सभी को पता है कि इसका क्या मतलब है। फाइल अगर जाती है तो वह वहां पांच सालों तक पड़ी रहेगी।
एलजी हाउस ने कहा- बगैर मंजूरी कुछ नहीं होगा राज निवास की तरफ से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि केजरीवाल को सूचित कर दिया गया है कि घर-घर राशन पहुंचाने की योजना वाली फाइल नागरिक आपूर्ति मंत्री के कार्यालय में लगभग तीन महीने से पड़ी हुई है। बयान में कहा गया है कि इसलिए यह उचित होगा कि मामले को गति देने के लिए इस प्रस्ताव पर भारत सरकार से यथासंभव जल्द से जल्द बात की जाए, जैसा कि कानून विभाग ने कहा है, क्योंकि इस तरह की किसी योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक है।
बैजल के कार्यालय के बाहर सोमवार शाम सुरक्षा बढ़ा दी गई। सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों को उपराज्यपाल कार्यालय के दो किलोमीटर के दायरे में तैनात किया गया है।