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भागलपुर हिंसा: अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

बिहार के भागलपुर में हुई हिंसा मामले में आत्‍मसमर्पण करन वाले अर्जित चौबे कोर्ट ने नहीं दी कोई रियायत।

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Dhirendra Kumar Mishra

Apr 01, 2018

arjit chaube

नई दिल्‍ली. भागलपुर के नाथनगर हिंसा मामले में आरोपी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्‍वत को अदालत ने 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है। उन्‍हे शनिवार देर रात बिहार पुलिस ने पटना से गिरफ्तार किया था। उसके बाद उन्‍हें भागलपुर ले जाया गया। वहां उन्‍हें अपर मुख्‍य न्‍यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) की अदालत में हाजिर किया गया। अदालत ने उन्‍हें 14 दिनों के लिए न्‍यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इसके पहले पटना से लाते वक्‍त समर्थकों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। इससे पहले उनके समर्थकों ने गिफ्तारी के समय जय श्री राम के नारे लगाए थे। गिरफ्तारी के बाद रामनवमी के अवसर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोपी अर्जित को पटना से भागलपुर ले गई, जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। बताया जा रहा है कि अदालत में उनकी जमानत याचिका खाजिर कर दी है।

बेटे ने किया बाप का बचाव

गिरफ्तारी के बाद अर्जित ने मीडिया के समक्ष अपने मंत्री पिता अश्विनी चौबे का बचाव किया। जब उनसे सांसद पिता से मिलने वाली मदद को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने बताया कि इसमें बुराई क्‍या है। एक पिता का फर्ज होता है कि अगर उसका बेटा सही काम करता है तो वो उसका सहयोग करे। इ‍सलिए उन्‍होंने मेरा बचाव किया है। उन्‍होंने कहा कि अगर मैं गलत होता, तो मेरे पिता कभी सामने नहीं आते न ही मेरा बचाव करते। इसके साथ ही शाश्वत ने भागलपुर दंगे को लेकर अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया।

भगोड़ा होने की बात को खारिज किया
अश्विनी चौबे के आरोपी बेटे का कहना है कि वो भगोड़ा नहीं हैं। अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने पुलिस के समक्ष सरेंडर करने का निर्णय लिया और अपने मन से समर्पण किया है। दूसरी बिहार पुलिस का दावा है कि अर्जित शाश्वत ट्रेन से आरा से पटना आ रहे थे। पुलिस ने उनको पटना स्टेशन से बाहर निकलते ही प्रसिद्ध महावीर मंदिर के पास गिरफ्तार कर लिया गया।

सीएम नीतिश पर था दबाव
पर आपको बता दें कि अर्जित चौबे ने भागलपुर कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई हुई थी, जिसे कोर्ट ने एक दिन पहले खारिज कर दिया था। उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर दबाव था। उनके खिलाफ सांप्रदायिक तनाव फैलाने के मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था। उन पर 17 मार्च को भागलपुर में एक जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप है।