
आतंकियों के निशाने पर गांव के युवक, छोटे विवादों को बड़ा रूप देने की थी साजिश
भोपाल. राजधानी से पकड़ाए चार बांग्लादेशी आतंकियों के खतरनाक मंसूबे सामने आने लगे हैं। प्रतिबंधित संगठन जमात ए मुजाहिद्दीन (बांग्लादेश) के गुर्गे मप्र के शहरी एवं विशेषकर अंचल के दूरदराज के गांवों के युवाओं को जेहादी पाठ पढ़ा रहे थे।
इनके टारगेट पर ऐसे युवा थे, जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं और जिनका पारिवारिक पृष्ठभूमि ग्रामीण और खेती-किसानी वाली है। आतंकी इन युवाओं को स्लीपर सेल में शामिल करना अधिक आसान और सुरक्षित मान रहे थे। बता दें, चारों आतंकियों का सहयोग करने के आरोप मेंं पुलिस ने राजधानी से सटे विदिशा जिले के हैदरगढ़ और नटेरन से दो युवाओं को गिरफ्तार किया है। इन युवाओं की पारिवारिक पृष्ठभूमि ग्रामीण है और इनके परिजन खेती करते हैं। इधर, हैदरगढ़ से पकड़ाए साहवान की पुलिस रिमांड शुक्रवार को खत्म हो रही है। एटीएस उसे कोर्ट में पेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक उससे पूछताछ के लिए रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग की जाएगी। आतंकियों से मिली जानकारी के आधार पर एटीएस की टीम सहारनपुर से वापस लौट रही है। हालांकि टीम ने वहां से किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, जबकि मप्र के अलग-अलग शहरों में एटीएस की टीमें जांच कर रही हैं।
यूपी के देवबंद-सराहनपुर में हुई थी मुलाकात
राजधानी के ऐशबाग और करोंद क्षेत्र से फजहर अली उर्फ मेहमूद पिता अशफाक इस्लाम (32), मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पिता नूर मोहम्मद शेख (24), जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान (28), फजहर जैनूल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान (30) को पकड़ा गया था। इनसे मिली जानकारी के आधार पर प. बंगाल एटीएस ने रफीक को तो मप्र एटीएस ने विदिशा जिले के हैदरगढ़ से साहवान और नटेरन से अब्दुल करीम को गिरफ्तार किया। अब्दुल की देवबंद और सराहनपुर में आतंकियों से मुलाकात हुई थी। अब्दुल ने ही साहवान को आतंकियों से मिलवाया था।
छोटे विवादों को बड़ा बनाने की थी साजिश
आतंकियों से हुई पूछताछ में चिंताजनक खुलासा ये हुआ है कि आतंकी मप्र में उस योजना पर काम कर रहे थे, जिसमें छोटे विवादों को बड़ा बनाना था। इसके लिए सबसे पहले युवाओं में जेहादी मानसिकता को बढ़ावा देना था। सूत्रों के मुताबिक मप्र में स्लीपर सेल तैयार करने के बाद ये बड़ी वारदात को अंजाम देते। इसके अलावा शहरों और गांवों में होने वाले विवादों को भडक़ाना था, ताकि कानून व्यवस्था की समस्या बनी रहे। इससे विवाद की स्थिति में होने वाली हिंसक गतिविधियों को आतंकी घटना नहीं माना जाता और आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब होते। इसके लिए आतंकी विस्फोटक का इस्तेमाल करने की बजाय पेट्रोल बम आदि बनाने की ट्रेनिंग देने की तैयारी में थे।
Updated on:
25 Mar 2022 01:42 am
Published on:
25 Mar 2022 01:40 am
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