इसके अलावा नीतीश कुमार ने अपने संबोधन के दौरान दो महत्वपूर्ण बातें कही। एक बिहार में धर्म, जाति, संप्रदाय के आधार पर किसी के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता। दूसरा जिन विचारों को लेकर पार्टी आज तक चलती रही हैं उन विचारों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होगा। हम अपनी नीतियों पर चुनाव लड़ेंगे।
SC में वार्ताकार ने दायर किया हलफनामा, कहा- शाहीन बाग का धरना शांतिपूर्ण, पुलिस ने बंद किए विपक्षी पार्टियों के बारे में भी सीएम ने कहा कि इनके पास ना कोई कार्यक्रम हैं ना कोई मुद्दा। कुछ लोग तो लोगों के बीच भ्रम फैलाते रहते हैं लेकिन उसपर ध्यान देने की जरूरत नहीं हैं। नीतीश ने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपने घर के ऊपर पार्टी का झंडा लगाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में अच्छा संदेश जाएगा। नीतीश ने भरोसा दिलाया की पिछले 15 वर्षों के दौरान जो काम हुआ हैं उसका संदेश जनता तक पहुंचाया जाए।
बता दें कि नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव ( Loksabha Election ) के पूर्व भी पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Pm modi ) के सामने राज्य के 40 में से चालीस सीटें जीतने का दावा किया था। परिणाम आये तो एक सीट किशनगंज का छोड़कर सारी सीटें एनडीए के खाते में आया था।
वीडियोः अहमदाबाद में शंखनाद से होगा डोनाल्ड ट्रंप का स्वागतनीतीश कुमार ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की जिसके बारे में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीटकर कहा कि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के बीच परस्पर विश्वास और सम्मान के वातावरण में सार्थक बातचीत हुई। मोदी के अनुसार विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले एनडीए के दो प्रमुख दलों के शीर्ष नेतृत्व में संवाद ने जनता को एकजुटता का जो संदेश दिया है।