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Bihar Election : चिराग की राजनीति पर बहस फिर हुई तेज, अब कुशवाहा के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

नीतीश विरोध की राजनीति कर चिराग ने फंसाया सियासी पेंच। कांग्रेस ने कहा - बिहार में उपेंद्र कुशवाहा का अब नहीं रहा कोई सियासी वजूद। आरजेडी का दावा - 10 नवंबर को बीजेपी-जेडीयू के गेम प्लान होगा पर्दाफाश।

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नीतीश विरोध की राजनीति कर चिराग ने फंसाया सियासी पेंच।

नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के 6 दिन बाद भी चिराग पासवान विरोधियों व अपनों के बीच समान रूप से चर्चा के केंद्र में हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बहस का विषय चिराग पासवान कम, उनकी राजनीति ज्यादा है। इस बहस में आरएलएसपी से लेकर कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी तक शाामिल है। ताजा मामला आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाला से जुड़ा है।

चिराग कन्फ्यूज्ड हैं

दरअसल, चुनाव प्रचार के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि चिराग पासवान कन्फ्यूज्ड हैं। वो आधा एनडीए से बाहर और आधा एनडीए के अंदर हैं। उन्हें एनडीए से बाहर आना है तो पूरी तरह से बाहर आएं।

कुशवाहा की कोई हैसियत नहीं

एलजेपी नेता चिराग पासवान के खिलाफ कुशवाला के विवादित बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता आनंद माधव ने चिराग के रवैये को बीजेपी के गेम प्लान से जोड़ते हुए कहा है कि हकीकत यह है कि उपेंद्र कुशवाहा की अब कोई सियासी हैसियत नहीं है। जहां तक बात चिराग पासवान की है तो वो क्या कह रहे हैं ये सभी को पता है। इतना ही नहीं एलजेपी प्रमुख किसके कहने पर मुहिम को चला रहे हैं इस बात की जानकारी भी सभी को है।

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एलजेपी नेता सही कह रहे हैं

कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि चिराग पासवान सही कर रहे हैं। जेडीयू और बीजेपी का गेम प्लान क्या है यह 10 नवंबर को सबको पता चल जाएगा। फिलहाल डबल इंजन की सरकार लोगों को धोखा दे रही है। इस बात को बिहार के मतदाता जानते हैं।

अब चिराग एनडीए में नहीं हैं

वहीं जेडीयू के साफ कर दिया है कि चिराग पासवान एनडीए में नहीं है। ऐसा इसलिए कि उन्हें नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा के मुताबिक चिराग पासवान अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। वो क्या करते हैं उससे जेडीयू को कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार नहीं है।

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बीजेपी को नीतीश पसंद हैं

इस मुद्दे पर बीजेपी के नेता पहले ही कह चुके हैं कि एनडीए में वहीं रहेंगे जिन्हें नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार है। बीजेपी शीर्ष नेतृत्व की ओर से तो यहां तक कहा जा चुका है कि चुनाव बाद सीएम नीतीश कुमार ही होंगे।