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Bihar Election: इन सीटों पर JDU और BJP के बीच​ टिकट को लेकर फंसा पेच, क्या है सियासी गणित?

Bihar Assembly Elections 2020 की तारीख घोषित होने के साथ ही राज्य में सियासी हलचल भी तेज इस बीच National Democratic Alliance ( NDA ) में सीटों के बंटवारे को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है

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Bihar Election: इन सीटों पर JDU और BJP के बीच​ टिकट को लेकर फंसा पेच, क्या है सियासी गणित?

Bihar Election: इन सीटों पर JDU और BJP के बीच​ टिकट को लेकर फंसा पेच, क्या है सियासी गणित?

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ( Bihar Assembly Elections 2020 ) की तारीख घोषित होने के साथ ही राज्य में सियासी हलचल भी तेज हो चली है। इस बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( NDA ) में सीटों के बंटवारे को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है। जनता दल युनाइटेड ( JDU ) और एनडीए के बीच जारी मंथन के बीच अभी तक 49 सीटें ही चिह्नित की गईं हैं। दरअअसल, राट्रीय जनता दल ( RJD ) छोड़कर JDU में शामिल हुए सात विधायकों की वजह से सीटों पर दावेदारी को लेकर दोनों दलों में विचार विमर्श का दौर जारी है। हालांकि एनडीए नेतृत्व का कहना है कि सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। बाकि बची सीटों पर की भी जल्द ही पहचान कर ली जाएगी।

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दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव और इस बार के विधानसभा चुनाव का समीकरण बिल्कुल अलग है।
2015 में हुए चुनाव के दौरान जेडीयू और बीजेपी दोनों ही एक-दूसरे के सामने थे। पिछले चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू को 22 सीटों पर हराया था। जबकि जेडीयू कैंडिडेट्स ने बीजेपी उम्मीदवारों को 27 सीटों पर पटखनी दी थी। अब चूंकि चुनावी समीकरण बदल चुके हैं और दोनों ही राजनीतिक दल एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में पिछले चुनाव के दौरान जिन सीटों पर दोनों ही दल एक दूसरे के खिलाफ थे, उन पर किसी दावेदारी हो इस बात को लेकर मंथन जारी है।

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RJD छोड़कर JDU में शामिल हुए विधायक—

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भाजपा लालू प्रसाद यादव की आरजेडी छोड़कर आए इन विधायकों के खिलाफ कई सीटों पर चुनाव लड़ी थी। हालांकि इन सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। आपको बता दें कि बिहार में एक अक्टूबर से विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी जो 10 नवंबर को मतगणना तक चलेगी। इस बार बिहार चुनाव अन्य चुनावों के मुकाबले कुछ अलग होगा। इसकी सबसे बड़ी वजह देश में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार है। इस के दौरान कोरोना के खतरे से बचाव के लिए आयोग ने कई खास प्रबंध किए हैं। जैसे कि 2015 के मुकाबले 62 प्रतिशत से ज्यादा नए मतदान केंद्रों की व्यवस्था हुई है। जिससे इस बार एक मतदान केंद्र पर केवल 1000 लोग ही वोट देंगे। पहले 1500 लोग वोट देते थे। मतदान केंद्र के गेट पर हर व्यक्ति को थर्मल स्कैनर से गुजरना होगा। हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही वोटर वोट दे सकेंगे।