
मेवालाल पर है वैज्ञानिकों की भर्ती में रिश्वत लेने का आरोप।
नई दिल्ली। बिहार में नीतीश सरकार इस बार शुरुआत दिनों में ही विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्षी दलों ने नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल नवनियुक्त शिक्षा मंत्री व जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी पर कथित रूप से सहायक प्राध्यापकों और वैज्ञानिकों की भर्ती में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। आरजेडी ने सवाल उठाया है कि नीतीश राज में ये कैसा सुशासन है।
बैकफुट पर एनडीए
विपक्ष की ओर से यह मेवालाल का मामला उठाने के बाद से नीतीश कुमार घिर गए हैंं। इस वजह से एनडीए भी बैकफुट पर है। वहीं, नीतीश के फैसले ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ। एक बड़ा हथियार थमा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने एक ट्वीट में कहा कि तेजस्वी ने पहली कैबिनेट बैठक में पहले हस्ताक्षर से 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, नीतीश कुमार ने पहले कैबिनेट में एक दागी विधायक को शिक्षा मंत्री बनाया।
आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने दागी मेवालाल चौधरी को नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री के पद से सम्मानित किया है। 4 साल पहले सुशील मोदी ने न्यायमूर्ति महफूज आलम समिति द्वारा बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और वैज्ञानिकों की अवैध भर्ती के लिए दोषी पाए जाने के बाद मेवालाल की गिरफ्तारी की मांग की थी। अब वही जेडीयू के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री बन गए हैं। बीजेपी चुप क्यों हैं?
Updated on:
19 Nov 2020 10:24 am
Published on:
19 Nov 2020 10:20 am
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