
शादी के बाद तेजप्रताप का राजनीति से हुआ मोह भंग, बोले- भाई को सिंहासन सौंप कर द्वारका चला जाऊं
नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव के बड़े बेटे और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव राजनीति से सन्यास लेना चाहते हैं। तेज प्रताप ने हाल ही में यह इच्छा जाहिर की है कि वह अपने छोटे भाई तेजस्वी को गद्दी पर बैठाकर खुद सियासी सन्यास की घोषणा कर दें। तेज प्रताप यादव ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि, “मेरा मानना है कि महाभारत की तर्ज पर मैं भी अर्जुन को हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठाऊं और खुद द्वारका की ओर निकल जाऊँ। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि अब कुछेक “चुग्लों” को पीड़ा है कि कहीं मैं किंग मेकर के रूप में न उभर जाऊँ।
ट्वीट से मचा सियासी घमासान
पूर्व मंत्री तेज प्रताप के इस ट्वीट ने सियासी घमासान मचा दिया है। वहीं कुछ राजनीतिक जानकार उनके इस संकेत को आगामी आम चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। आपको बता दें कि तेजस्वी ने अपने छोटे भाई को अर्जुन के नाम से पुकारा है। यही नहीं इससे पहले भाजपा नेता शत्रुघन सिन्हा भी तेजस्वी को अर्जुन की संज्ञा दे चुके हैं। जानकारी के अनुसार तेजस्वी को अर्जुन और श्रीकृष्ण के पात्र में भारी निष्ठा है। यही कारण है कि वह गाहे—बगाहे श्रीकृष्ण के रूप में गायों के आसपास नजर आते हैं। वहीं, उनके इस टिवट के मायने निकाले जा रहे हैं कि तेजप्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी को सियासी उत्तरधिकारी सौंप के बाद विपक्षी उपहास से बचना चाहते हैं। इसके साथ ही वह साथ-साथ किंगमेकर की भूमिका में भी बने रहना चाहते हैं।
अब तेज प्रताप ने ट्वीट से एक बात तो साफ हो गई है कि वह अपने छोटे भाई तेजस्वी को राजनीति में आगे बढ़ना चाहते है। जबकि द्वारका जाने की बात का मतलब उनके सियासी सन्यास से लगाया जा रहा है। यह उनके कहने का मतलब यह भी लगाया जा रहा है कि जिस तरह से भगवान श्रीकृष्ण मथुरा में कंस के वध के बाद द्वारका में जा बसे थे। उसी तरह वह भी सियासी मैदान छोड़ देना चाहते हैं।
Published on:
09 Jun 2018 06:37 pm
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