
चंद्रयान-2 से भारत का झंडा बुलंद, लेकिन कांग्रेस-बीजेपी में श्रेय लेने की होड़
नई दिल्ली। इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन की लॉन्चिंग कर बेशक दुनिया में भारत का झंड़ा बुलंद कर दिया, लेकिन राजनेताओं इसमें भी राजनीति खोज ली है। कांग्रेस ने Chandrayaan 2 की सफलता के लिए जवाहर लाल नेहरू और मनमोहन सिंह को याद किया। तो पलटवार करते हुए बीजेपी ने इसे दुखद बताया है।
नेहरू को याद करने का वक्त: कांग्रेस
चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग पर कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पहले भारतीय वैज्ञानिकों और इसरो को बधाई दी गई। इसके कुछ ही देर बाद एक और ट्वीट किया गया, जिसे लेकर विवाद हो गया।
कांग्रेस ने लिखा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित Jawahar Lal Nehru के दूरदर्शी कदम को याद करने का ये एक अच्छा समय है। जिसकी वजह से 1962 में ही INCOSPAR के जरिए भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान की नींव पड़ी।
बाद में इसी ने इसरो का रूप लिया। डॉक्टर मनमोहन सिंह को भी याद किया जाना चाहिए, जिन्होंने 2008 में चंद्रयान-2 को स्वीकृति प्रदान की।
ये भारतीयों के लिए गौरव का पल: बीजेपी
मून मिशन के लिए नेहरु और मनमोहन को श्रेय दिए जाने पर बीजेपी बिफर गई। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कांग्रेस के ट्वीट पर ही पलटवार किया।
पात्रा ने लिखा कि वास्तव में ये बहुत दुखद है। सभी भारतीय नागरिकों को गौरवान्वित करने वाला पल है। इसे राजनीति के दायरे में नहीं लाना चाहिए।
वैसे जब भविष्य में कोई नेतृत्व नहीं दिखाई देता तो अपने आपको प्रासंगिक बनाए रखने के लिए अतीत में वापस जाना पड़ता है। दुखद है कि कांग्रेस के साथ यही हो रहा है।
चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग पर एक नजर
इसरो के हैवी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लांच व्हीकल मार्क-3 ( GSLVMkIII-M1 ) ने चंद्रमा के लिए उड़ान भरी। यह रॉकेट अपने साथ 3,850 किलोग्राम के चंद्रयान-2 को लेकर सोमवार की दोपहर श्रीहरिकोटा अंतरिक्षयान से प्रक्षेपित हुआ।
दोपहर ठीक 2:43 बजे, 375 करोड़ रुपए के जीएसएलवी एम-3 रॉकेट ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लांच पैड से अंतरिक्ष के लिए चढ़ाई शुरू की।
कुल 43.4 मीटर लंबे और 640 टन वजनी जीएसएलवी एम-3 का उपनाम 'बाहुबली' एक कामयाब रही फिल्म के सुपर हीरो किरदार के नाम पर रखा गया है।
यह रॉकेट भारत के दूसरे मिशन को अंजाम देने के लिए 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को अपने साथ लेकर गया। चंद्रयान-2 पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की लगभग 384,400 किलोमीटर की यात्रा तय करेगा।
चंद्रयान-2 में कुल तीन खंड हैं। इसमें ऑर्बिटर (2,379 किग्रा, आठ पेलोड), लैंडर 'विक्रम' (1,471 किग्रा, चार पेलोड) और रोवर 'प्रज्ञान' (27 किग्रा, दो पेलोड)। शामिल है।
Updated on:
23 Jul 2019 12:26 pm
Published on:
22 Jul 2019 10:36 pm
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