
नई दिल्ली : मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा के चुनावी संग्राम के नतीजे आ गए। भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। दोपहर करीब साढे तीन बजे भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर को अपना समर्थन करने का ऐलान किया। कांग्रेस ने जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री का पद ऑफर करते हुए उन्हें समर्थन देने की घोषणा की। जेडीएस को औपचारिक रूप से समर्थन देने की चिट्ठी देने के लिए कांग्रेस के नेता राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने पहुंचे थे। हालांकि राज्यपाल वजुभाईवाला ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया। कांग्रेस नेताओं को गवर्नर हाउस में एंट्री नहीं मिल पाई है। वहीं करीब पांच बजे बीजेपी के सीएम उम्मीदवार येदियुरप्पा ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। येदियुरप्पा ने कहा कि हम सबसे बड़ी पार्टी हैं और इसलिए हम ही सरकार बनाएंगे, हम सदन में बहुमत साबित करेंगे। येदियुरप्पा से मिलने के बाद जेडीएस और कांग्रेस के नेता भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे। राज्यपाल से मुलाकात के बाद सिद्धारमैया और कुमारस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बिना किसी शर्त के जेडीएस को समर्थन देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल को बताया है कि हम सरकार बनाने की स्थिति में हैं। हमारे पास 118 सीट है और हम सरकार बना सकते हैं। आप को यहां बता दें कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने करीब दो बजे कहा था कि मणिपुर, गोवा और मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी तब बीजेपी को वहां नैतिकता याद नहीं आई।
राज्यपाल पर टिकी निगाहें
अब इस बदलते समीकरण पर सबकी नजर कर्नाटक के राज्यपाल पर टिक गई है। दोनों पक्षों ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है।अब राज्यपाल के सामने ये सवाल होगा कि वो किसे पहले आमंत्रित करते हैं। वैसे राज्यपाल चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीतने वाले दल को सरकार बनाना का पहले न्योता देते हैं।
Published on:
15 May 2018 06:55 pm
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