
मिशन 2019: भाजपा की आचार संहिता तैयार, सांसदों-विधायकों को पत्रकारों से बचने के बताए तरीके
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने हर स्तर पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस रणनीति के तहत सबसे ज्यादा जोर इन बातों पर दिया जा रहा है कि चुनाव के दौरान मीडिया की ओर से संभावित फजीहत से कैसे बचा जाए। इसके लिए भाजपा ने 65 पेज की एक बुकलेट भी तैयार किया है। बुकलेट में पत्रकारों से निपटने के लिए तौर तरीके बताए गए हैं। साथ ही पार्टी के सांसदों और विधायकों और निजी सचिवों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
आचार संहिता में शामिल मुख्य बिंदु
1. पत्रकारों को अपने कार्यालय में जरूरत से ज्यादा सक्रिय न रहने दें। उनसे जरूरत से ज्यादा घुलने मिलने से बचें। ज्यादा बातचीत से परहेज करें।
2. इस बात को सुनिश्चित करें कि मीडिया पार्टी की, भाजपा कार्यालय की और पार्टी के नेताओं और प्रत्याशियों की छवि खराब न करें।
3. अपने कार्यालय, कार्यकर्ता, पत्रकार और जनता के बीच एक पुल के रूप में कार्य करें। ताकि चुनाव प्रक्रियाएं किसी भी स्तर पर बाधित न हो।
4. पत्रकारों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखें और हमेशा उन्हें अच्छे संबंध बनाए रखें। पत्रकारों को बहुत लंबे समय तक इंतजार न कराएं। इस बात का प्रयास रखें कि पत्रकारों की आप तक पहुंच सहज हो।
5. किसी भी मीडियाकर्मी को किसी आधिकारिक, अनधिकृत टिप्पणी या जानकारी को पास न करें। केवल समन्वयक के रूप में कार्य करें।
6. सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं का डेटाबेस तैयार करें जो पार्टी की विचारधारा और दर्शन के अनुरूप हों। नए फॉलोअर्स की प्रोफाइल प्रभावी तरीके से तैयार करें। अनावश्यक लोगों को जरूरी जानकारी टैग न करें।
7. सोशल मीडिया यूजर्स और नेताओं का डेटाबेस बनाए रखें। सोशल मीडिया हैंडलर्स, वेब पोर्टल आदि के संचालकों के संपर्क मे भी रहें।
8. डेटाबेस में उनके मोबाइल फोन, ईमेल, सोशल मीडिया हैंडल, व्हाट्सएप नंबर, वेबसाइट आदि आंकड़े तैयार रखें।
9. कितने भारतीय सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं? इसके बारे अपडेट जानकारी रखें। सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म की भी जानकारी रखें।
10. नियमित पत्रकारों से लगातार संपर्क बनाए रखें। उन्हें जरूरत के हिासब से पार्टी की ओर से समुचित जानकारी मुहैया कराने का भी काम करें। जरूरत के हिसाब से नेताओं से मुलाकात भी कराएं।

Published on:
07 Sept 2018 02:33 pm
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