
बिहार: कांग्रेस ने बनाई आरजेडी से दूरी, राहुल ने अभी तक नहीं ली बीमार लालू की सुध
नई दिल्ली। कुछ महीने पहले जब लालू दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज चल रहा था तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल उनसे मिलने पहुंच थे। वहां पर उन्होंने खुद उनसे मिलकर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और काफी देर तक सियासी मुद्दे पर चर्चा भी की थी। लेकिन इस बार लालू रांची के रिम्स में भर्ती हैं। करीब डेढ़ दर्जन बीमारियों की चपेट में हैं। उनकी हालत नाजुक है। आरजेडी पारिवारिक कलह में घिरा है। लेकिन न तो कोई कांग्रेसी नेता उनकी खैरियत लेने अस्पताल पहुंचा न ही राहुल गांधी ने अभी तक फोन कर उनकी सुध ली है। कांग्रेस नेताओं के इस रुख को देखते हुए बिहार में यह सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस अभी से लालू की पार्टी से दूरी बनाने लगी है? पटना में ये मसला सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ऊहापोह में फंसे तेजस्वी
इस सियासी समीकरणों के बीच लालू यादव का स्वास्थ्य तेजी से गिरता जा रहा है। उनका क्रेटनाइन लेवल लगातार बढ़ रहा है जिसका दुष्प्रभाव उनकी किडनी पर पड़ रहा है। आरजेडी नेता के पैरों में फोड़े भी हो रखे हैं जिस वजह से उन्हें चलने-फिरने में भी परेशानी हो रही है। उनका ब्लड शुगर भी लगातार बढ़ रहा है। उनके कट्टर समर्थन उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो उठे हैं। इन सियाससी सरगर्मी के बीच परिवार में मचे तूफान की वजह से लालू के छोटे बेटे तेजस्वी भी इस बात का निर्णय नहीं ले पा रहे हैं कि उन्हें इन परिस्थितियों में क्या करने की जरूरत है।
चलने-फिरने की स्थिति में नहीं है लालू यादव
दूसरी तरफ रिम्स के निदेशक आरके श्रीवास्तव ने लालू प्रसाद यादव की साप्ताहिक मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी देते हुए बताया कि उनका शुगर लेवल 145 है जबकि क्रिएटिनिन लेवल बढ़कर 1.85 है। उनका ब्लड प्रेशर 140/70 है जो कि सामान्य के करीब है। यूरिया का लेवल 22 है। वहीं पैर में हुए फोड़े की जानकारी देते हुए निदेशक ने कहा कि लालू प्रसाद फिलहाल चलने-फिरने की स्थिति में नहीं हैं। कुल मिलाकर लालू की स्थिति सही नहीं है। ऐसा इसएिल कि इन दिनों वो डिप्रेशन में भी चल रहे हैं। रिम्स के निदेशक ने कहा कि रिम्स में उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। क्या लालू प्रसाद को किसी दूसरे अस्पताल में भेजे जाने की कोई बात है तो इस सवाल पर निदेशक का कहना था कि लालू के डॉक्टर अगर इस संबंध में कोई रिपोर्ट भेजेंगे तो मेडिकल बोर्ड का गठन होगा और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।
Published on:
18 Nov 2018 02:14 pm
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