
मौलाना मदनी ने RSS नेता होसबाले के बयान की निंदा (Photo-IANS)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने एक कार्यक्रम के दौरान मुसलमानों को सूर्य नमस्कार करने की सलाह दी। RSS नेता ने कहा था कि सूर्य नमस्कार से मुसलमानों का क्या बिगड़ जाएगा? वहीं इस बयान पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने प्रतिक्रिया दी है और होसबाले के बयान की निंदा की है। जमीयत ने कहा कि यह टिप्पणी इस्लाम की मूल मान्यताओं और भारत की बहुलतावादी संस्कृति की गंभीर गलत समझ को दर्शाती है।
RSS नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि भारत में हिंदू और मुस्लिम सदियों से साथ-साथ रहते हैं और इस्लाम के बुनियादी सिद्धांत किसी भी शिक्षित व्यक्ति से छिपे नहीं हैं। मौलाना ने आगे कहा कि इस्लाम की नींव तौहीद के सिद्धांत पर है और केवल अल्लाह की इबादत ही इसकी मूल शिक्षा है। इस विश्वास से जरा सा भी विचलन व्यक्ति को इस्लाम के दायरे से बाहर कर देता है।
इस दौरान मौलाना मदनी ने आरएसएस नेता होसबाले पर निशाना साधा और कहा कि उनमें इस्लामी मान्यताओं को समझने को लेकर गंभीरता का अभाव है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से प्रेम और पर्यावरण संरक्षण की इस्लाम शिक्षा देता है, लेकिन इसे पूजा से जोड़कर देखना सरासर गलत है।
इस दौरान मौलाना ने पूर्व आरएसएस प्रमुख के.एस. सुदर्शन के साथ हुए संवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज भी जमीयत सार्थक और ईमानदार बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद लंबे समय से सांप्रदायिक सौहार्द, संवाद और आपसी सम्मान के लिए काम करती रही है और अतीत में आरएसएस तथा अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों के नेताओं के साथ इस्लाम को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने के प्रयास किए गए हैं।
आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबाले ने हाल ही में गोरखपुर में एक हिंदू सम्मेलन में मुसलमानों को सूर्य नमस्कार करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार एक वैज्ञानिक और स्वास्थ्यवर्धक व्यायाम है, इससे मुसलमानों का कुछ नहीं बिगड़ेगा। नमाज पढ़ने वाले मुस्लिम भाई यदि पर्यावरण के लिए नदी की पूजा या सूर्य नमस्कार करें तो इसमें गलत क्या है?
Published on:
23 Dec 2025 08:00 pm
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