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Kapil Sibal का मोदी सरकार पर तंज, कहा- ‘सांप्रदायिकता का साथ, कुछ का विकास और खो गया विश्वास’

Congress नेता कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal On Modi Government ) ने मोदी सरकार बोला हमला इस सरकार को पता नहीं किस बात का घमंड है- Kapil Sibal 'गरीबों से सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distance ) कर रही है केन्द्र सरकार'

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Congress Leader Kapil Sibal Attack On Modi Government

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस ( coronavirus ) संकट के बीच सियासी घमासान भी जारी है। किसी न किसी बहाने विपक्ष का लगातार मोदी सरकार ( Modi Government ) पर हमला जारी है। इसी कड़ी में अब कांग्रेस ( Congress ) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal ) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सिब्बल ने मोदी सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' पर तंज कसते हुए कहा कि 'सांप्रदायिकता का साथ, कुछ का विकास और खो गया विश्वास'। उन्होंने कहा कि हम एक भारत ( India ) चाहते हैं और इसके लिए मरते दम तक विरोध करेंगे।

घमंड में चूर है मोदी सरकार: सिब्बल

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal Attack on Modi Governmnet ) ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि घमंड के साथ कभी सरकारें नहीं चलती। यह सरकार घमंड में चूर है, लेकिन यह पता नहीं किसी बात का घमंड है। सिब्बल ने न्यायाधीशों के तबादलों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने पर जजों का तबादला किया गया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ( Ex Central Minister ) ने कहा कि भूखमरी के इंडेक्स में 117 देशों में से भारत की 102वीं रैंक है। यदि सरकार अपने एजेंडे से इतर इस पर काम करती, तो आज यह हालात नहीं होती। लेकिन, सरकार तो गरीबों से सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distance ) कर रही है। हजारों लोग भुखमरी से मर गए। कपिल सिब्बल ने सवाल किया कि क्या राम मंदिर ( Ram Mandir ), तीन तलाक ( Triple Talaq ), सीएए ( CAA ) के एजेंडे से देश में गरीबी मिट गई?

'बदल गया सरकार का एजेंडा'

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का 24 मार्च से पहले और उसके बाद के रवैये में खासा अंतर है। 24 मार्च से पहले सरकार का ध्रुवीकरण और साम्प्रदायिकता का एजेंडा था। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 ( Article 370 ), CAA समेत कई अन्य ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर सरकार चल रही थी। लेकिन, 24 मार्च को सरकार का एजेंडा बदल गया। दुनिया का बहुबली भी कोरोना का सामना नहीं कर सकता है। 24 मार्च से पहले सरकार ने भाई चारे में दरार लाने की कोशिश की, लेकिन इसके बाद लोगों ने ही सरकार को बता दिया कि इससे काम नहीं चलने वाला है। लोगों ने धर्म-जाति भुलाकर मजदूरों समेत परेशान लोगों की मदद की। यह सरकार के एजेंडे पर तमाचा है। सरकार लाचार है और उसे पता नहीं कि आखिर क्या करना है?