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राहुल गांधी ने अकाउंट ब्लॉक करने पर Twitter को दी चेतावनी, कहा- अंजाम भुगतने को तैयार रहे कंपनी

राहुल ने कहा, आप यह क्या कर रहे हैं। इस हरकत से ट्विटर ने यह साबित कर दिया है कि वह न्यूट्रल प्लेटफॉर्म नहीं है। निवेशकों के लिए यह खतरनाक चीज है, क्योंकि राजनीतिक मुकाबले में किसी का साइड लेना ट्विटर के लिए गलत अंजाम वाला हो सकता है।  

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नई दिल्ली।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना अकाउंट ब्लॉक करने पर ट्विटर को चेतावनी दी है। राहुल ने एक वीडियो के जरिए बयान जारी करते हुए कहा कि एक कंपनी के तौर पर देश की राजनीति तय करने का काम ट्विटर कर रहा है। यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है। यह सिर्फ राहुल गांधी पर हमला नहीं है। यह सिर्फ मेरी आवाज बंद करने की बात नहीं है बल्कि, लाखों-करोड़ों लोगों को चुप करने का मामला है।

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राहुल गांधी ने कहा, मेरे ट्विटर अकाउंट को बंद करके एक कंपनी ने देश की राजनीतिक प्रक्रिया में दखल दिया है। कारोबार करने वाली एक कंपनी राजनीति को तय कर रही है। उन्होंने कहा कि एक राजनेता के तौर पर मैं इस तरह की चीजें पसंद नहीं करता हूं। यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है। यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है। यह सिर्फ राहुल गांधी को चुप कराने की बात नहीं है। मेरे 19 से 20 मिलियन फॉलोअर्स थे और आप उन्हें अपनी राय व्यक्त करने से रोक रहे हैं।

राहुल ने वीडियो में कहा, आप यह क्या कर रहे हैं। इस हरकत से ट्विटर ने यह साबित कर दिया है कि वह न्यूट्रल प्लेटफॉर्म नहीं है। निवेशकों के लिए यह खतरनाक चीज है, क्योंकि राजनीतिक मुकाबले में किसी का साइड लेना ट्विटर के लिए गलत अंजाम वाला हो सकता है। राहुल ने कहा, हमारे लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। हमें संसद में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। मीडिया पर नियंत्रण है। मैं मानता हूं कि एक उम्मीद की किरण थी, जहां हम ट्वीट के जरिए अपनी बात रख सकते थे, मगर ऐसा नहीं है। इससे पता चलता है कि ट्विटर न्यूट्रल प्लेटफॉर्म नहीं है बल्कि, ऑब्जेक्टिव है। इसका कुछ लोग अपने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।

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राहुल गांधी ट्विटर पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पक्षपाती प्लेटफॉर्म है और यह वही सुनता है, जो मौजूदा सरकार कहती है। राहुल ने लोगों से अपील करते हुए कहा, हमें सवाल पूछना चाहिए कि क्या हम कंपनियों को अपनी राजनीति तय करने का अधिकार दे सकते हैं, क्योंकि सरकार उसके साथ है। क्या हम अपनी राजनीति को खुद परिभाषित करना चाहते हैं या फिर कंपनियां ऐसा करना चाहती हैं।