
AUS vs IND: नागपुर वनडे में भारत ने बनाया नया रिकॉर्ड, एक दिवसीय मैचों में दर्ज की 500 वीं जीत
कुमार पंकज
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से बुलाए गए बैठक में दिल्ली के स्थानीय नेताओं के मतभेद खुलकर सामने आ गए। गठबंधन को लेकर राहुल गांधी के सामने ही शीला दीक्षित और अजय माकन एक दूसरे से उलझ गए।
गठबंधन को लेकर कांग्रेस के नेताओं की अलग-अलग राय है। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान अजय माकन ने साफ तौर पर कहा कि, 'यदि गठबंधन नहीं होता है तो एक भी सीट पार्टी नहीं जीत सकती और इसी डर से संदीप दीक्षित (शीला दीक्षित के बेटे) चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। यदि ऐसा है तो मैं क्यों हारने के लिए चुनाव लड़ूं।' संदीप दीक्षित के चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर शीला दीक्षित ने चुप्पी साध ली। बाद में शीला दीक्षित ने कहा कि, 'ऐसा नहीं है। पूरी दिल्ली की इकाई नहीं चाहती कि आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो।' हालांकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने ऐसी किसी नोक-झोंक से इंकार किया है।
क्या हुआ बैठक में
दिन के बारह बजे राहुल गांधी के आवास पर शीला दीक्षित, अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, योगानंद शास्त्री समेत तीनों कार्यकारी अध्यक्ष मौजूद थे। सबसे पहले जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि, 'केजरीवाल के नाकामियों का ठीकरा हम कैसै अपने सिर लें। इसके साथ गठबंधन करके कांग्रेस जनता के बीच मंच तक साझा नहीं कर सकती।' इसी बीच दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि, 'यदि आप के साथ गठबंधन नहीं होता है तो दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान एक भी सीट जीतना संभव नहीं है।'
आप पर भरोसा नहीं
बैठक के दौरान ही एक अन्य पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, 'किसी भी सूरत में आम आदमी पार्टी पर यकीन नहीं किया जा सकता है।' उन्होंने तर्क दिया कि, 'हाल के दिनों में जिस तरह से आप नेताओं का कांग्रेस के साथ व्यवहार रहा है वह माफी के लायक भी नहीं है।' पूर्व अध्यक्ष ने साफ किया कि, 'गठबंधन का असर कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़ेगा जिसका असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।'
Updated on:
06 Mar 2019 07:05 am
Published on:
06 Mar 2019 06:59 am
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
