उधर, 19 सदस्यीय घोषणापत्र समिति में चिदंबरम, रमेश, भूपिंदर सिंह हुड्डा, सलमान खुर्शीद, शशि थरूर जैसे नेताओं के साथ कुमारी शैलजा, सुष्मिता देव, राजीव गौड़ा, मुकुल संगमा, मनप्रीत सिंह बादल, सैम पित्रोदा, सचिन राव, बिंदु कृष्णन, रघुवीर मीणा, बलचंद्र मुंगेकर, मीनाक्षी नटराजन, रजनी पाटिल, तमराधवा साहू और लालतेश को बतौर सदस्य शामिल किया गया हैं।
इसके अलावा 13 सदस्यीय प्रचार समिति में आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला, मनीष तिवारी, प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, मिलिंद देवड़ा, भक्तचरण दास, प्रवीण चक्रवर्ती, केतकर कुमार, पवन खेड़ा, वी.डी. सतीशन, जयवीर शेरगिल और दिव्या स्पंदना जैसे नाम शामिल हैं।
पिछले कुछ समय के दौरान मायावती समेत कई विपक्षी नेता ऐसा मत व्यक्त कर चुके हैं कि अगर विपक्षी दल एकजुट हो जाएं, तो आगामी लोकसभा चुनाव में वे काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसा ही विचार लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने भी व्यक्त किया था। विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा था कि विपक्षी खेमा एकजुट होकर चुनाव लड़े तो लोकसभा चुनावोंं में भाजपा संकट में पड़ जाएगी। दरअसल बिहार के विधानसभा चुनावों में महागठबंधन का प्रयोग सफल रहा था। उसके बाद विपक्षी दल जहां भी अलग-अलग होकर चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने उतरे, उन्हें सुखद परिणाम नहीं मिले। इसलिए विपक्षी दल अब गठबंधन को ही विजयी रणनीति मानकर चल रहे हैं।