
Corona warriors: कोरोना काल में जुटीं आशा व संगिनी को मिली प्रोत्साहन राशि
भोपाल. कोरोना संकट काल में अस्पतालों में सेवाएं दे रहे कोरोना योद्धाओं को सरकर ने दस हजार रुपए महीना इंसेंटिव देने का वादा किया था। लेकिन इंसेंटिव तो दूर डॉक्टरों और स्टाफ को तीन महीने से वेतन तक नहीं मिल रहा है। हालात ऐसे हैं कि कई योद्धा तो कर्ज लेकर अपना घर चला रहे हैं।
डॉक्टरों को वेतन नहीं मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को ये आदेश दिए हैं कि डॉक्टर्स और कोविड में ड्यूटी कर रहे स्टाफ को समय पर बिना काटे वेतन दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे ने कोरोना में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर्स और स्टाफ को समय पर वेतन देने के आदेश तो जारी कर दिए लेकिन वेतन नहीं मिला।
नाराज हैं डॉक्टर
प्रदेश भर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 3300 मेडिकल टीचर्स को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। तीन महीने के लिए कोविड में अस्थाई तौर पर नियुक्त किए गए मेडिकल ऑफिसर्स, स्टाफ नर्स और कर्मचारियों को तीन महीने बाद भी पूरा वेतन नहीं मिल पाया है। सरकार के इस रवैए से डॉक्टर्स खासे नाराज हैं।
सरकार की प्राथमिकता में चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ की समस्याएं नहीं हैं। कोरोना संकट के समय तीन महीने से ड्यूटी कर रहे डॉक्टर्स को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है। सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी पीडा जाहिर की है। जिन्हें कोरोना योद्धा की संज्ञा दी जा रही है उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए।
डॉ. राकेश मालवीय, सचिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन
Published on:
09 Jul 2020 01:26 am
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