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राज्यसभा में 131/102 के बहुमत से पास हुआ दिल्ली अध्यादेश, केजरीवाल बोले- काला कानून जनतंत्र के खिलाफ

Delhi Ordinance: बिल का विरोध कर रहे नेताओं को उम्मीद थी कि वह एक साथ आकर बिल को राज्यसभा में रोक देंगे। लेकिन जब वोटिंग हुई तो विपक्ष को महज 102 वोट ही मिल सके।

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 Delhi Ordinance passed by 131/102 majority in Rajya Sabha


आखिरकार राज्यसभा में 7 घंटे तक चली लंबी बहस और विरोध के बाद दिल्ली अध्यादेश सोमवार को पास हो गया। वोटिंग के बाद जब नतीजे आए तो सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष भी हैरान रह गया। दरअसल जब वोटिंग के नतीजे आए तो बिल के समर्थन में सरकार को उम्मीद से ज्यादा वोट मिले। वहीं बिल के विरोध में उम्मीद से भी कम वोट पड़ें। राज्यसभा से बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे जनतंत्र के खिलाफ काला कानून बताया।

ऐन वक्त पर पर्चे से हुई वोटिंग

राज्यसभा में उस वक्त वोटिंग को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई, जब उपसभापति ने बताया कि वोटिंग के समय कुछ मशीनों में दिक्कत है। थोड़ी देर बाद उपसभापति ने घोषणा की कि मशीनों में खराबी के कारण वोटिंग पर्ची के जरिए कराई जाएगी। इसके बाद सांसदों को वोटिंग का प्रावधान समझाया गया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं: अमित शाह

राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह सबूत देंगे कि यह विधेयक किसी भी एंगल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है। यह विधेयक दिल्ली पर मौजूदा केंद्र सरकार के अध्यादेश को बदलने का प्रयास है।


राष्ट्रपति का मुहर लगते ही कानून बन जाएगा बिल

राज्यसभा से पास होने के बाद यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा। जैसे ही महामहिम इस बिल पर अपनी मुहर लगा देंगी वैसे ही ये बिल कानून में बदल जाएगा। कानून बनने के बाद दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकरण के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। दरअसल, इसके जरिए केंद्र सरकार को दिल्ली में अधिकारियों के तबादले, नियुक्ति और निगरानी समेत कई अधिकार मिल जाएंगे। दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से इस मुद्दे पर तकरार जारी थी।

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