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सियासी प्रोटोकाल पर रार- जीएडी का शिष्टाचार संबंधी पत्र अधिकारियों ने पढ़ा तक नहीं!

- काम नहीं आया जीएडी का शिष्टाचार - जिले के अधिकारियों ने फिर क्षेत्रीय विधायक को नहीं दी तवज्जो - विधायक को बनाया शासकीय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि

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सतना

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Deepesh Tiwari

Apr 22, 2022

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siyasi protocol

सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक बार फिर सियासी प्रोटोकाल को लेकर रार मची हुई है। पिछले दिनों रामपुर से भाजपा विधायक विक्रम सिंह और नागौद से कांग्रेस की विधायक कल्पना वर्मा के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद जीएडी (सामान्य प्रसाशन विभाग) ने शिष्टाचार संबंधी पत्र भेजा था, लेकिन अधिकारियों ने उस पत्र को पढ़ा तक नहीं।

यही कारण है कि गुरुवार को कोठी में आयोजित ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य मेले में एक बार फिर विधायक कल्पना वर्मा की अनदेखी की गई। इससे आहत विधायक वर्मा कार्यक्रम में नहीं पहुंचीं और सरकारी अधिकारियों पर सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।

दरअसल, गुरुवार को स्वास्थ्य मेले में प्रोटोकॉल से हटकर स्थानीय विधायक वर्मा को विशिष्ट अतिथि बना दिया, वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष को बतौर अध्यक्ष बुलाया गया। जबकि, जिपं अध्यक्ष का प्रोटोकॉल विधायक से नीचे होता है।

रैगांव विधायक के साथ उनके विधानसभा क्षेत्र में किसी सरकारी कार्यक्रम में लगातार दूसरी घटना है जब सरकारी अफसरों ने उनका अपमान प्रोटोकॉल के नजरिए से किया है। बता दें कि इस आयोजन को लेकर शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में यह कार्यक्रम करना है।

सरकारी कार्यक्रम में भाजपा का कब्जा
इस आयोजन के मुख्य अतिथि सांसद गणेश सिंह रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष सुधा सिंह बतौर अध्यक्ष आमंत्रित थीं। विधायक कल्पना वर्मा को बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में सुधा सिंह के नहीं पहुंचीं। उधर, प्रोटोकॉल के विरुद्ध विधायक को बुलाने से नाराज विधायक कल्पना वर्मा भी नहीं आईं।

इसके बाद आयोजकों ने उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहीं प्रतिमा बागरी को बतौर अध्यक्ष कार्यक्रम में शामिल कर लिया। इसके अलावा भी सरकारी मंच पर भाजपा के कई लोग मौजूद रहे। कांग्रेसियों ने जिम्मेदारों पर सवाल उठाया कि सरकारी कार्यक्रम में प्रतिमा बागरी से अध्यक्षता किस नियम के तहत कराई गई है। कांग्रेसियों की मानें तो ऐसा पहले भी किया जा चुका है। इसके बाद भी अधिकारियों पर लगाम नहीं कसी जा रही।

विधायक का दर्द
विधायक कल्पना वर्मा ने कहा कि वे अनुसूचित जाति वर्ग की महिला विधायक हैं। यहां के सरकारी अधिकारी सत्ता पक्ष के दबाव में लगातार उनका अपमान कर रहे हैं। तय प्रोटोकॉल के अनुसार इस शासकीय कार्यक्रम में सांसद जब मुख्य अतिथि की हैसियत से हैं, तो विधायक को बतौर अध्यक्ष बुलाना था। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। यह सब सांसद के इशारे पर हो रहा है।

सीएमएचओ ने बीएमओ पर रखी तलवार
विधायक कल्पना अपने अपमान की बात कहते हुए कार्यक्रम में नहीं पहुंचीं तो मामला तूल पकड़ गया। गर्दन फंसने पर सीएमएचओ डॉ अशोक अवधिया विधायक को मनाने पहुंचे। बताया कि यह सब बीएमओ की गलती है। उन्हें इसकी समझ नहीं है। हालांकि उनकी सफाई न तो विधायक के गले उतर रही थी न ही यहां मौजूद क्षेत्रीय लोगों के।