
Ajit Doval and Yang Jiechi
नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद को सुलझाने में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अहम भूमिका रही है। जुलाई के आखिरी हफ्ते में जब डोभाल चीन गए थे तो इस दिशा में बड़ी प्रगति हुई थी। सूत्रों के अनुसार जब चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिएची से डोभाल 27 जुलाई को बीजिंग में मिले तो यांग ने उनसे पूछा, 'क्या ये आपका इलाका है?' इस पर डोभाल ने कहा, 'क्या हर विवादित इलाका अपने आप चीन का हो जाता है?' भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सात जुलाई को हैम्बर्ग में हुई मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच इस कूटनीतिक बातचीत को मंजूरी दी थी। कई दौर की बातचीत हुई। बातचीत में विदेश सचिव एस जयशंकर और भारत के चीन में राजदूत विजय गोखले भी शामिल थे।
भारत भूटान की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैः डोभाल
रिपोर्ट के अनुसार डोभाल ने चीनी राजनयिकों के साथ मुलाकात में इस बात पर जोर दिया कि डोकलाम भूटान का इलाका है और भूटान के साथ हुई एक संधि के अनुसार भारत भूटान की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। खबर के अनुसार डोभाल ने चीन से कहा कि डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बाच कई दौर की बातचीत हुई है और चीन ने भूटान को डोकलाम के बदले में उत्तर में 500 वर्ग किलोमीटर जमीन देने का प्रस्ताव भी दिया था। डोभाल ने चीन से साफ कहा कि डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद हल नहीं हुआ है और इसलिए यथास्थिति बहाल करने के लिए दोनों देशों को एक साथ सेना हटानी चाहिए।
दोनों देश सेना हटाने को तैयार
भारत सरकार के अनुसार दोनों देश विवादित इलाके से अपनी सेना हटाने को तैयार हो गए हैं। चीन डोकलाम में सड़क का निर्माण भी बंद करेगा। हालांकि चीन ने समझौता होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि समझौते की शर्तें स्पष्ट नहीं हैं। डोकलाम का इलाका भारत, भूटान और चीन के त्रिकोणीय क्षेत्र में स्थित है। भारत के सिक्कम से सटे डोकलाम का क्षेत्र भूटान का इलाका है जिस पर चीन अपना दावा जताता रहा है। चीन इस इलाके में भारी सैन्य वाहनों के आवाजाही करने लायक सड़क बना रहा था जिसे 16 जुलाई को भारतीय सैनिकों ने रुकवा दिया था। उसेक बाद से ही दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ था।
Published on:
30 Aug 2017 02:24 pm
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