इस मौके नागपुर में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस मौके पर भागवत ने कई अहम बातों पर अपने विचार रखे। संघ प्रमुख ने मॉब लिंचिंग पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भीड़ की हिंसा यानी मॉब लिंचिंग को संघ से जोड़ कर देखा जाता है जो कि गलत है।
भागवत ने कहा इसको कई बार सांप्रदायिक रंग दे दिया जाता है। भीड़ की हिंसा के नाम पर ये संघ के खिलाफ साजिश है। वास्तव में ऐसी हिंसा को संघ रोकने की कोशिश करता है। मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं का संघ से कोई लेना-देना नहीं है।
संघ प्रमुख ने कहा कि लिंचिंग जैसे शब्द कभी भारत की संस्कृति का हिस्सा नहीं रहे। मॉब लिंचिंग के नाम पर भारत को बदनाम किया जा रहा है। मॉब लिंचिंग के नाम पर भारत के खिलाफ साजिश रची जा रही है। संघ के कार्यकर्ता हमेशा भीड़ की हिंसा को रोकने की कोशिश करते हैं।
मोहन भागवत ने देश में छाई आर्थिक मंदी के मुद्दे पर कहा कि आज कल मंदी कही जा रही है इस बारे में मेरी एक अर्थशास्त्री से बात हुई तो उन्होंने कहा कि जब ग्रोथ रेट शून्य के नीचे चले जाए तो उसे मंदी कहते हैं जबकि देश की ग्रोथ रेट पांच से ऊपर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मंदी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में एक परिवर्तन भारत की सोच की दिशा में आया है। उसको न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी। भारत को बढ़ता हुआ देखना जिनके स्वार्थों के लिए भय पैदा करता है, ऐसी शक्तियां भी भारत को दृढ़ता व शक्ति से संपन्न होने नहीं देना चाहती।