
सुषमा स्वराज की खरी-खरी, आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ साथ नहीं
नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार फिर से पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई हैं। पाकिस्तान से बातचीत पर सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंक और बातचीत दोनों चीजें एक साथ नहीं हो सकती हैं। जब सीमा पर जनाजे उठते रहे हैं तो उस स्थिति में बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती। सुषमा स्वराज ने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ बातचीत के कभी विरुद्ध नहीं हैं, लेकिन आतंक और बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते। चुनाव से पहले या चुनाव के बाद बातचीत को हम तैयार हैं। लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंक छोड़ना पड़ेगा। विदेश मंत्री स्वराज ने आगे कहा कि जहां तक गिलगिट बाल्टिस्तान को पांचवां प्रदेश बनाने की बात है तो उसी दिन उच्चायुक्त को तलब कर आपत्ति जता दी थी। वैसे भी जो देश आतंक को बढ़ावा देता है वह हमें सीख ना दे। बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई से आम चुनाव होने हैं।
डोकलाम में स्थिति स्थिर
डोकलाम मुद्दे पर सुषमा ने कहा कि अभी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि चीन के हिस्से में हमारे श्रद्धालुओं के स्नान की एक जगह है। बता दें कि खबर आई थी कि चीन में कैलाश मानसरोवर यात्रियों को नहाने की जगह नहीं दी गई है। दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच चल रहे संबंधों की मध्यस्थता पर पूछे गए सवाल पर सुषमा ने कहा कि दोनों देशों से हमारे द्विपक्षीय संबंध हैं, हां जहां तक मध्यस्थता की बात है, तो किसी देश की तरफ से हमें ऐसा करने को नहीं कहा गया है।
हमारी विदेश नीति लोक नीति है
दरअसल सुषमा स्वराज मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पाकिस्तान, ईरान, नॉर्थ कोरिया समेत कई मुद्दों पर बात की। H4 वीजा के मुद्दे पर सुषमा स्वराज ने कहा हम विदेश नीति किसी के दबाव में नहीं बनाते हैं और ना हीं दूसरे देश के मुताबिक लागू करते हैं । जहां तक अमेरिका के वीजा पॉलिसी में बदलाव की बात है तो व्हाइट हाउस से संपर्क में हूं और भारतीयों के लिए बेहतर करूंगी। स्वराज ने कहा कि हमने विदेश नीति को कुछ खास लोगों के लिए नहीं बल्कि लोक नीति के रूप में बनाते हैं। मैं खुद सीधा ट्विटर के जरिए लोगों के संपर्क में रहती हूं, फिर चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में मुश्किल में क्यों न हों।
90 हजार भारतीयों को छुड़ाया
विदेश मंत्री स्वराज ने कहा कि 4 साल के कार्यकाल में 90 हजार भारतीयों को विदेशों से छुड़ाया गया। हमने 186 देशों की यात्रा कर अच्छे रिश्ते बनाए। आज विदेशों में भारतीय शांति से अपना जीवन जी रहे हैं। विदेशों में भारत की साख बढ़ी है।
Published on:
28 May 2018 05:13 pm
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