
नई दिल्ली। इस बार एग्जिट पोल्स का रुझान कई मायनों में चौंकाने वाला रहा है। ऐसा इसलिए कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की सत्ता में वापसी इस बार यूपी के रास्ते न होकर पश्चिम बंगाल के रास्ते होने की संभावना है। यानी मोदी सरकार की सत्ता में वापसी में पश्चिम बंगाल इस बार अहम भूमिका निभा सकता है। अगर भाजपा के पक्ष में ओडिशा पोल्स के रुझानों को भी जोड़ दें तो यूपी में बसपा-सपा-रालोद महागठबंधन से संभावित नुकसान की भरपाई भी भाजपा कर सकती है।
सत्ता की प्रयोगशाला
भाजपा ने समय रहते पश्चिम बंगाल और ओडिशा का चयन सत्ता में दोबारा वापसी के मकसद से किया था। एग्जिट पोल्स के अनुसार पार्टी नेताओं को इस मुहिम में बहुत हद तक सफलता मिलती दिख रही है। एग्जिट पोल्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भाजपा बड़ी जीत की राह पर अग्रसर है। पंश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से CVoter-Republic और ABP-Nielsen ने भाजपा को क्रमशः 11 और 16 सीटें दी हैं। जबकि 2014 में भाजपा को 42 में से केवल 2 सीटों पर जीत मिली थी। ABP-नीलसन के सर्वे में भाजपा की ओडिशा में 2014 की एक सीट की तुलना में इस बार नौ सीटें जीतने की संभावन जताई गयी है। दोनों राज्यों में पार्टी की सफलता को भाजपा की चुनावी रणनीति का परिणाम माना जा रहा है।
मोदी की लोकप्रियता आज भी बरकरार
News18-IPSOS पोल्स की माने तो इस बार मोदी लहर को कम कर आंका गया। जबकि इस बार भी मोदी लहर महागठबंधन की चुनौतियों का सामना करने में सफल होती दिख रही है। यही वजह है कि यूपी की 80 सीटों में से एनडीए को 60 से 62 मिलने की संभावना जो 2014 की संख्या से 10 सीट कम है। मोदी की स्वीकायर्ता बरकरार रहने की एक वजह यह भी रही कि विपक्ष अथवा महागठबंधन किसी एक व्यक्ति को अपने चेहरे के रूप में प्रस्तुत नहीं कर सका। विपक्ष की ओर से कोई एक चेहरा न होने के कारण मतदाता चुनाव प्रकिया के दौरान मोदी के पक्ष में चले गए।
सफलता को भुना नहीं पाई कांग्रेस
एग्जिट पोल्स के अनुसार एक बात और जो इस चुनाव में अहम साबित हुई वो यह है कि 2017 में जिस तरह से कांग्रेस ने गुजरात में भाजपा सरकार को कांटे की टक्कर दी थी उसे दोहराने में विफल रही। इसके साथ ही कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी वैसी सफलता मिलती नहीं दिखाई दे रही है जैसी 2018 में हासिल की थी।
चौंकाने वाला रुझान
बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल्स के रुझानों ने विपक्षी दलों को हिलाकर रख दिया है। हालांकि लोकसभा चुनाव परिणाम 23 मई को आएगा लेकिन चुनावी रुझान मोदी विरोधी दलों के लिए किसी चक्रवाती तूफान से कम नहीं है। एग्जिट पोल्स के रुझानों से स्पष्ट है कि मोदी सरकार को देश के अधिकांश हिस्सों के लोगों का समर्थन हासिल है। अगर पीएम मोदी को देश के किसी हिस्से से समर्थन नहीं मिला तो वो दक्षिण भारत के राज्य हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों में केवल कर्नाटक में भाजपा के पक्ष में परिणाम आने की उम्मीद है। इसके आलवा केरल में एक सीट पर भाजपा की बढ़त मिलने के संकेत मिले हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में भाजपा को इस बार भी निराशा हाथ लगने की संभावना ज्यादा है।
Updated on:
20 May 2019 04:33 pm
Published on:
20 May 2019 01:37 pm
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