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पीएम मोदी की बैठक में महबूबा मुफ्ती, फारूक और उमर अब्दुल्ला समेत जम्मू-कश्मीर के 14 नेता आमंत्रित

locationनई दिल्लीPublished: Jun 19, 2021 09:54:05 pm

Submitted by:

Anil Kumar

केंद्रीय गृह सचिव ने शनिवार को फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah), उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) समेत जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के 14 नेताओं से बैठक में शामिल होने के लिए संपर्क किया है।

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Farooq And Omar Abdullah, Mehbooba Mufti Among 14 Jammu Kashmi Leaders Invited For PM Modi All Party Meeting

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के तमाम सियासी दलों के नेताओं के साथ पीएम मोदी की अगले सप्ताह होने वाली बैठक को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। दरअसल, पीएम मोदी ने अगले सप्ताह 24 जून को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री आवास में होने वाली इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के तमाम सियासी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव ने शनिवार को फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah), उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) समेत जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के 14 नेताओं से बैठक में शामिल होने के लिए संपर्क किया है।

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बीते दिन शुक्रवार को एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया था कि जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं को 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात के लिए फोन पर निमंत्रण दिया गया है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है।

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इस मुद्दे पर हो सकती है चर्चा

फिलहाल, इस सर्वदलीय बैठक को लेकर कोई एजेंडा सामने नहीं आया है। माना जा रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर पीएम मोदी पहल कर सकते हैं। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर चर्चा कर सकती है।

अधिकारियों ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर देसाई के नेतृत्व में परिसीमन आयोग, जिसे संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पारित होने के तुरंत बाद गठित किया गया था, इस संबंध में भी चर्चा हो हो सकती है।

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मालूम हो कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के समाप्त होने और दो केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित होने के बाद से इस तरह की पहली कवायद है।

फारूख और महबूबा ने कहा- बैठक के लिए मिला है निमंत्रण

अधिकारियों के मुताबिक, इस बैठक में शामिल होने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन समेत 14 नेताओं से संपर्क किया जा रहा है।

महबूबा ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें केंद्र से 24 जून को होने वाली बैठक के संबंध में फोन आया था। हालांकि इस बैठक में शामिल होने या नहीं होने को लेकर वह रविवार को पीएसी की बैठक करेंगी, जिसके बाद फैसला लेंगी। फारूक अब्दुल्ला ने भी शनिवार को कहा कि उन्हें केंद्र सरकार की ओर से बैठक में शामिल होने का न्योता मिला है।

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विपक्षी दलों ने फैसले का किया स्वागत

केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में संभावित राजनैतिक गतिविधि शुरू करने को लेकर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के फैसले का स्वागत किया है। माकपा नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है।

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उन्होंने कहा कि हमने केंद्र के साथ सार्थक जुड़़ाव के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं। बता दें कि पीएजीडी जम्मू कश्मीर में कुछ पार्टियों का गठबंधन है, जिसमें नेशनल कान्फ्रेंस और पीडीपी शामिल हैं। इसका गठन धारा 370 हटने के बाद किया गया था।

वहीं, जेकेएपी के अध्यक्ष बुखारी ने भी कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा, देर आए दुरुस्त आये.. हमारी समस्याओं का समाधान दिल्ली के पास और कहीं नहीं। जम्मू कश्मीर के लिए लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संवाद ही एकमात्र तंत्र है।

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