Gujarat Politics: सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी ने विधायक उमेश मकवाना को पार्टी से निकाल दिया है। उमेश मकवाना को आप से पांच साल के लिए सस्पेंड कर दिया है।
Gujarat Politics: गुजरात में उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी। उपचुनाव में मिली जीत का पार्टी जश्न मना रही है, इसी बीच AAP को बड़ा झटका लगा है। बोटाद से विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वहीं इसी के साथ उन्होंने नई पार्टी बनाने पर भी प्रतिक्रिया दी है। विधायक उमेश मकवाना ने कहा कि मैं बोटाद के लोगों के बीच जाऊंगा। मैं कुछ लोगों से मिलकर अलग पार्टी बनाने या न बनाने पर चर्चा करूंगा। इसी बीच AAP ने उमेश मकवाना पर बड़ा एक्शन लिया है। विधायक मकवाना को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पांच साल के लिए AAP से सस्पेंड कर दिया है।
आम आदमी पार्टी से सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद विधायक उमेश मकवाना ने कहा कि 20 साल तक मैंने बीजेपी में अलग-अलग पदों पर काम किया है। जिस समय गुजरात में आम आदमी पार्टी को कोई नहीं जानता था, उस समय मैंने बीजेपी छोड़कर आप का दामन थामा था। आज मुझे लगता है कि हम अंबेडकर के सिद्धांतों से भटक रहे हैं। इसी वजह से मैंने AAP के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी ने विधायक उमेश मकवाना को पार्टी से निकाल दिया है। उमेश मकवाना को आप से पांच साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। इसकी जानकारी गुजरात के पार्टी अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दी। उन्होंने लिखा- उमेश मकवाणा को पार्टी विरोधी एवं गुजरात विरोधी गतिविधियों के लिए पांच साल के लिए पार्टी से सस्पेंड किया जाता है।'
बता दें कि विधायक उमेश मकवाना कुछ समय से पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे और पार्टी के कार्यक्रमों से भी दूरी बनाकर चल रहे थे। हालांकि अब कयास लगाए जा रहा है कि उमेश मकवाना गुजरात में नई पार्टी बना सकते है। लेकिन नई पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों से मिलकर अलग पार्टी बनाने या न बनाने पर चर्चा करूंगा।
बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बोटाद जीत से उमेश मकवाना ने 2,779 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम विरानी को हराया था। दरअसल, इस सीट पर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सौरभ पटेल का प्रभाव माना जाता है। हालांकि, भाजपा ने जब उन्हें टिकट नहीं दिया था। फिर उनकी नाराजगी सामने आई थी। बाद में जब उमेश मकवाना जीते थे, तो यह माना गया था कि मकवाना की जीत में उनका समर्थन था।