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गुजरात चुनाव में देरी पर कितने फायदे में रही भाजपा

गुजरात में चुनाव के एलान के साथ ही राज्य में अचार संहिता लागू

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How much benefit BJP take in delaying Gujrat Election

How much benefit BJP take in delaying Gujrat Election

नई दिल्ली। आखिरकार चुनाव आयोग ने बुधवार को गुजरात चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। हिमाचल चुनाव का एलान आयोग ने 12 अक्टूबर को किया था। चुनाव आयोग पर आरोप लगा था कि उसने केंद्र सरकार के इशारे पर गुजरात चुनाव का एलान हिमाचल प्रदेश के साथ नहीं किया, ताकि मोदी सरकार और गुजरात सरकार को चुनाव से ठीक पहले जनता को लुभाने के लिए बड़ी घोषणाएं करने का वक्त मिल जाए। चुनाव आयोग ने भले ही इन आरोपों को खारिज किया, मगर हिमाचल के चुनाव एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य सरकार ने लोक लुभावन घोषणाओं की बरसात कर दी है।

हिमाचल के एलान के बाद ही प्रधानमंत्री गुजरात का दो बार चुनावी दौरा कर आए हैं। उन्होंने राज्य के भावनगर में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट रो-रो फेरी सेवा को फ्लैग ऑफ किया। ये 615 करोड़ रुपये की योजना थी। चुनाव एलान के एक दिन पहले तक गुजरात सरकार ने चुनावी घोषणाओं का एलान जारी रखा। हिमाचल चुनाव के एलान के बाद 13 दिन में गुजरात की बीजेपी सरकार करीब 11 करोड़ रुपए की घोषणाएं कर चुकी है। जीरो ब्याज दर से किसानों को कर्ज, अध्यापकों और म्युन्सिपल कर्मचारियों की वेतन वृद्धि, क्लास 4 के कर्मचारियों को दीवाली बोनस, आरक्षण आंदोलन के दौरान 326 पाटीदारों के खिलाफ दर्ज केसों की वापसी की गई। बुधवार को ही गुजरात सरकात ने आशा वर्करों को 50 फीसदी वेतन वृद्धि समेत कई बड़े एलान किए। राज्य ही नही केंद्र में भी मोदी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। बुधवार को ही कैबिनेट ने इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए 7 लाख करोड़ के 83 हजार किलोमीटर के हाइवे परियोजनाओं और बैंको को 2.11 करोड़ का बूस्टर दिया।

अगर चुनाव आयोग हिमाचल के साथ गुजरात में भी चुनाव का एलान कर देता तो मोदी और राज्य सरकारों को यह घोषणाएं करने का मौका नहीं मिलता। आज गुजरात में चुनाव के एलान के साथ ही राज्य में अचारसहिंता लग जाएंगी। साथ ही इन चुनावी घोषणाओं पर ब्रेक लग जाएगी।