वसीयत के बारे में जानकारी देते हुए एक पाटीदार नेता ने कहा कि पटेल ने अपने माता-पिता, एक बहन, 2015 में कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए 14 युवाओं के परिजनों और अपने गांव के पास एक पंजरापोल (बीमार और पुरानी गायों के लिए आश्रय) के बीच अपनी संपत्ति में हिस्सेदार बनाया है। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के प्रवक्ता मनोज पनारा ने बताया कि पटेल ने अपनी मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने की इच्छा व्यक्त की है। पनारा ने कहा कि पटेल अपने खराब स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर की सलाह पर विचार करते हुए वसीयत तैयार की है। राजकीय अस्पताल के एक डॉक्टर ने हार्दिक का चेकअप करने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। उनका मूत्र और रक्तचाप सामान्य है, लेकिन हार्दिक ने खून की जांच कराने से इनकार कर दिया है। पाटीदार ने 25 अगस्त से अनशन पर हैं।
राजद, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा सहित कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने पिछले नौ दिनों में पटेल से मुलाकात की है। हालांकि भाजपा सरकार ने अभी तक हस्तक्षेप नहीं किया है। पनारा ने दावा किया कि पटेल का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। उन्होंने पिछले नौ दिनों से कुछ नहीं खाया है। उन्होंने पिछले 36 घंटों से पानी भी ग्रहण नहीं किया है।