
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 ( Jammu-Kashmir Article 370 ) हटाए जाने के बाद अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने पड़ सकते हैं। नियमों के मुताबिक किसी भी पूर्व सीएम को सत्ता से बाहर जाने के बाद सरकारी आवास खाली करना होता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित सभी पूर्व सीएम, श्रीनगर के गुप्कर रोड पर बने उन सरकारी बंगलों में रहते हैं, जिसका किराया भी नहीं लिया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी बंगले को आधुनिक बनाने में करोड़ों रुपए तक खर्च किए हैं।
महबूबा ने खर्च किए 50 करोड
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने-अपने बंगले पर करीब 50 करोड़ रुपए खर्च किए थे। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी अपने निजी आवास के नवीनीकरण में बड़ी राशि खर्च की थी।
बताया जाता है कि उमर और महबूबा मुफ्ती के सरकारी बंगले में जो लोग काम करते हैं उनका वेतन भी सरकार की ओर से आता है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सामने आ रही आशंकाओं को देखते हुए अब उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने चिंता जाहिर की है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि जिस तरह का माहौल बन गया है उसमें हमारी सुरक्षा खतरे में दिखाई दे रही है। मुफ्ती ने तो इसके लिए अब गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दे दी है।
गुलाम नबी आजाद को राहत
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद एकमात्र ऐसे पूर्व सीएम हैं, जिन्होंने किसी भी सरकारी बंगले पर कब्जा नहीं किया है. उनके पास गुप्कर रोड पर जैतहरी में जम्मू और कश्मीर बैंक के गेस्टहाउस में अस्थायी मकान है. उधर, एक अधिकारी ने बताया कि फारूक अब्दुल्ला अपने घर में रहते हैं लेकिन बंगले के खिलाफ किराए का दावा करते हैं जो कि पूर्व सीएम होने के नाते उन्हें दिया जाता है।
Updated on:
07 Aug 2019 03:07 pm
Published on:
07 Aug 2019 03:01 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
