
नई दिल्ली। कर्नाटक ( karnataka crisis ) में कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायकों के इस्तीफों के बाद सियासी घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। अब पांच और बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आनंद सिंह और रोशन बेग फाइल सहित पांच और बागी कर्नाटक कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर विधानसभा स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
वहीं बागी विधायक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार से मिलकर फिर से अपना इस्तीफा सौंंप चुके हैं। यह बात अलग है कि स्पीकर अभी विधायकों का इस्तीफा मंजूर करने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भरोसा जताया है कि राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार विश्वास मत हासिल कर लेगी।
वहीं, कांग्रेस के बागी विधायक एमटीबी नागराज ने अपने तेवरों में नरमी दिखाई है। मीडिया से बातचीत करते हुए नागराज ने कहा कि मैंने पार्टी में बने रहने का फैसला लिया है। इससे पहले नागराज ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से फोन पर बात होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि फोन पर उनकी शिवकुमार से बात हुई है और वह जल्द ही इस्तीफा वापसी के संबंध में कोई फैसला लेंगे। इसके साथ ही नागराज ने इस संबंध में अन्य बागी नेताओं से बात करने का भी आश्वासन दिया।
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस से अपना समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश ने विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा है। दोनों विधायकों ने अपने पत्र में स्पीकर से अपने बैठने की व्यवस्था विपक्ष के साथ करने का आग्रह किया है।
फ्लोर टेस्ट से घबरा रही भारतीय जनता पार्टी
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी फ्लोर टेस्ट से घबरा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भाजपा को विधायकों पर ही भरोसा नहीं है।
इसके साथ ही कुमारस्वामी ने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट के लिए पूरी तैयार हैं। कुमारस्वामी के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल ( Karnataka Crisis ) मच गई है।
कांग्रेस, जेडीएस और भाजपा दोनों ने ही विधायकों के पाला बदलने को रोकने के लिए उन्हें रिजॉर्ट में ठहराया है। आपको बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस के 16 और 2 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा देने के बाद वहां सियासी संकट छाया हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी के पास इस समय 105 सदस्य
कर्नाटक ( Karnataka Crisis ) विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने अभी तक बागी विधायकों के इस्तीफे को मंजूर नहीं किया है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर वह विधायकों के इस्तीफों को मंजूर करते हैं तो गठबंधन के 118 सदस्यों की संख्या 100 से भी नीचे उतर आएगी। इस तरह विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 से घटकर 105 रह जाएगा।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के पास इस समय 105 सदस्य हैं। वहीं, 2 निर्दलीय विधायकों का भी उन्हें समर्थन हैं। अगर ऐसा होता तो भाजपा विधायकों की संख्या 107 हो जाती है।
मंत्री नगर स्थित अपने आवास में ठहरे
कर्नाटक में रिजॉर्ट की राजनीति की वापसी हो गई है। सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और विपक्षी दल भाजपा विधानसभा में संभावित विश्वास मत के पहले अपने विधायकों पर नजर रखे हुए हैं।
उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका है। कांग्रेस के 79 विधायकों में से 13 विधायकों ने विधानसभा से अपना इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस ने अपने करीब 50 विधायकों को नगर के बाहरी इलाके स्थित क्लार्क एक्जॉटिका कन्वेंशन रिजॉर्ट भेज दिया है। वहीं, सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और अन्य मंत्री नगर स्थित अपने आवास में ठहरे हुए हैं।
विधायकों को रिजॉर्ट भेजा
बेंगलूरु के बाहर और आसपास के इलाके के विधानसभा क्षेत्रों से आने वाले विधायकों को रिसॉर्ट भेजा गया है हालांकि कई विधायक विधानसभा भवन के पीछे सिटी सेंटर स्थित विधान सौध में ठहरे हुए हैं।
ऑपरेशन कमल
कांग्रेस प्रवक्ता रवि गौड़ा ने बताया, "भारतीय जनता पार्टी ने अपने ऑपरेशन कमल के तहत गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के लिए पहले ही करीब एक दर्जन विधायकों पर डोरा डाल रखा है। हमने पार्टी के करीब 50 विधायकों को नगर के बाहर क्लार्क एक्जॉटिका कन्वेंशन रिजॉर्ट भेज दिया है।"
30 विधायकों पर नजर
जनता दल सेक्युलर ( JDS S ) भी नंदी पहाड़ी के समीप गोल्फशायर रिजॉर्ट में अपने करीब 30 विधायकों पर नजर बनाए हुए है।
जेडीएस के तीन विधायकों के इस्तीफा देकर 6 जुलाई को मुंबई चले जाने के बाद 7 जुलाई से ये विधायक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं।
रिजॉर्ट भेजने को बाध्य होना पड़ा
भाजपा के प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने बताया, "हमें अपने विधायकों को एक रिजॉर्ट में भेजने को बाध्य होना पड़ा है ताकि उनसे एक जगह परामर्श व विचार-विमर्श किया जा सके और उन्हें कांग्रेस व जेडीएस के किसी नेता से बातचीत करने से रोका जा सके।"
Updated on:
14 Jul 2019 07:37 am
Published on:
13 Jul 2019 09:08 am
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