
कर्नाटक क्राइसिस: इस बार कांग्रेस के हनुमान डीके शिवकुमार ने झाड़ा पल्ला, कहा- 'मैं कुछ नहीं जानता'
नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के बयानों से सियासी संकट पहले से ज्यादा गहरा गया है। दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रभावी मंत्री डीके शिवकुमार की ओर से मंगलवार को जारी बयान से साफ है कि इस बार वो संकटमोचक (हनुमान) नहीं बनना चाहते हैं। अगर उनका रुख यही रहा तो कर्नाटक में सियासी संकट कम होने के बजाय और बढ़ेगा। बता दें कि 2018 में उनकी सक्रियता और प्रभाव की वजह से ही कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बन पाई थी।
शिवकुमार ने क्यों की गांधी की बात?
कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि मैं सिर्फ यह जानता हूं कि कौन जीता और कौन हारा। मेरे पास और जानकारी नहीं हैं। आमतौर पर मुझे राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर संदेश मिलते हैं। इन संदेशों के सिवाय मैं कुछ नहीं जानता। मैं गांधी जी के सिद्धांत का पालन कर रहा हूं। बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो और बुरा मत देखो। अब उनके इस रुख के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसा होना भी स्वाभाविक है। 2018 में उन्होंने अपनी सियासी ताकत का इस्तेमाल कर पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद छोड़ने के लिए बाध्य किया था।
सिद्धारमैया ने उड़ाया येदियुरप्पा का मजाक
दूसरी तरफ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दावा किया है कि राज्य की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन एकजुट है और सरकार को कोई खतरा नहीं है। यह मजबूत सरकार है। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा के उस दावे को बेबुनियाद करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि एक जून को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर जाएगी। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर येदियुरप्पा का मजाक भी उड़ाया है। सिद्दारमैया ने कहा कि लोगों ने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत दिया है। उन्हें कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने का जनादेश नहीं मिला है।
Updated on:
28 May 2019 01:16 pm
Published on:
28 May 2019 09:37 am
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