
कश्मीर: भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने पर शिवसेना का बयान, राष्ट्र विरोधी था दोनों का साथ
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर में पीडीपी और भाजपा गठबंधन में आई दरार के बाद राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं भाजपा ने महबूबा सरकार पर आरोप लगाते कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पूरी सहायता की गई, लेकिन राज्य सरकार हालात सुधारने में बुरी तरह असफल रही। भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि घाटी में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं, ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने गठबंधन से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। देखना यह है कि राज्य में बिगड़े सियासी हालात के चलते महबूबा सरकार के लिए आगे क्या विकल्प बचते हैं।
महबूबा मुफ्ती के सामने सियासी संकट
दरअसल, गठबंधन में टूट के बाद भाजपा में जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने की सिफारिश की है। ऐसे में राज्य में सरकार को लेकर महबूबा मुफ्ती के सामने सियासी संकट खड़ा हो गया है। पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करें तो 87 सीटों वाले जम्मू और कश्मीर में पीडीपी को 28 सीट मिली थी। जबकि भाजपा के पाले में 25 सीटे आईं थी। इसके अलावा नैशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस ने 12 सीटों पर बाजी मारी थी। राज्य में सात सीटें अन्य पार्टियों के हाथ लगी थीं।
ये हो सकते हैं समीकरण—
1— जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तीन साल का समय शेष है। ऐसे में महबूबा का प्रयास राज्य में एक बार फिर से गठबंधन की सरकार खड़ी करने की रहेगी। अगर ऐसा हुआ तो पीडीपी को (44) का आंकड़ा हासिल करने के लिए कांग्रेस के अलावा भी कुछ विधायकों की जरूरत पड़ेगी। राजनीति विश्लेषकों के अनुसार ऐसे बनने वाले नए समीकरण में 28+12+7=47 का गणित बिठाया जा सकता है। यहां बड़ा सवाल यह भी है कि यदि महबूबा एक बार फिर से गठबंधन बनाने में कामयाब होती हैं तो क्या फिर उनाके एक बार फिर से सीएम पद की शपथ दिलाई जाएगी?
2— कांग्रेस अगर पीडीपी के साथ नहीं आती तो महबूबा के सामने नैशनल कॉन्फ्रेंस के रूप में दूसरा विकल्प मौजूद है। चूंकि नैशनल कॉन्फ्रेंस राज्य में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। ऐसे में उम्मीद कम ही है कि पीडीपी को नैशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन मिल पाएगा। अगर ऐसा हुआ तो दूसरे समीकरण के रूप में बहुमत हासिल करने को 28+15+7 का गणित बिठाया जा सकता है।
3— जैसा की भाजपा ने जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने की सिफारिश की है। अगर ऐसा हुआ तो इसके बाद केवल चुनाव ही एकमात्र विकल्प शेष रह जाता है। राज्य के डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता ने घोषणा की है कि हमारे सभी मंत्रियों ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
Published on:
19 Jun 2018 04:02 pm
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