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जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल का खुलासा, विस भंग न करता तो सज्जाद लोन की सरकार बनानी पड़ती

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने साफ कहा है कि उनके उपर दिल्ली का दबाव था।

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जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल का खुलासा, विस भंग न करता तो सज्जाद लोन की सरकार बनानी पड़ती

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने साफ कहा है कि उनके उपर दिल्ली का दबाव था, जिसके चलते राज्य में सज्जाद लोन की सरकार बनानी पड़ रही थी। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली की मानता तो लोन की सरकार बनानी पड़ती, लेकिन मैं बेइमान कहलाता। इसलिए मुझे विधानसभा भंग करने जैसा कदम उठाना पड़ा। राज्यपाल मलिक ने कहा कि अगर मैं दिल्ली के मुताबिक काम करता तो इतिहास में एक बेइमान आदमी के तौर पर जाना जाता, लेकिन अब मैं संतुष्ट हूं।

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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 19 जून को भाजपा ने महबूबा सरकार से समर्थन वापस लिया था। जिसके बाद राज्य में 20 जून को राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया था। वहीं सज्जान लोन ने भी भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कही थी। आपको बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा भंग करने के निर्णय को लेकर राजनीतिक दल हमलावर हो गई थी। राज्यपाल सत्यपाल मलिक के इस कदम को कांग्रेस समेत अन्य दलों ने असंवैधानिक बताया था। हालांकि राज्यपाल मलिक ने इसके विरोधी रही पार्टियों के बनने वाले इस महागठबंधन को अवसरवादी बताया था और यह राज्य के हित में न होना भी करार दिया था।

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वहीं, भाजपा की ओर से कहा गया था कि संभव है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस पाकिस्तान के इशारे पर साथ आए हैं। वहीं राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के आरोपों को चुनौती देते हुए आरोपों को साबित करने की बात कही थी। उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को भाजपा नेता राम माधव से नेशनल कांफ्रेंस पर पाकिस्तान से संबंधों के आरोपों को साबित करने या माफी मांगने की चुनौती दी थी।