
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित श्रमिक सम्मेलन में मंगलवार को केजरीवाल ने कहा कि एक मजदूर की मजदूरी का निर्धारण कैलरी देखकर किया जाता है तो आईएएस अधिकारी को भी कैलरी के अनुसार ही सैलरी मिलनी चाहिए। दिल्ली में मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी के लिए गठित बोर्ड ने स्वस्थ रहने के लिए मजदूरों के निर्धारित 2700 कैलरी को आधार बनाया है। इसी आधार पर मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण किया।
कैलरी के हिसाब से मिले मजदूरी - केजरीवाल
आम आदमी पार्टी की सरकार में न्यूनतम मजदूरी को 9500 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 13800 रुपये किया। पहले कमिटी ने आंकलन किया कि एक मजदूर को जिंदा व स्वस्थ रहने के लिए उसे प्रतिदिन 2700 कैलोरी की जरूरत है। केजरीवाल ने कहा कि यदि कैलरी ही आय का पैमाना है तो आईएएस की सैलरी 2700 कैलरी के हिसाब से किया जाए।
उपराज्यपाल हैं हिटलर – केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल़ ने दिल्ली के उपराज्यपाल की तुलना हिटलर से कर दी। केजरीवाल ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी से संबंधित कमिटी की रिपोर्ट को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अप्रूवल नहीं दिया। इससे संबंधित फाइल लेकर खुद केजरीवाल एलजी के पास गए, हाथ जोड़े लेकिन नतीजा सिफर रहा। उल्टे एलजी ने कहा कि दोबारा से कमेटी बनाओ। इतनी हिटलरशाही मैने नहीं देखा। केजरीवाल बोले कि उन्होंने भी आंदोलन किए हैं। सरकार ने दोबारा कमिटी बनाई वहीं आदमी रखे वहीं सब दोबारा सिफारिश की गई अब एलजी मान गए। ये सत्ता का घमंड है, अगर पहले ही अप्रूव कर देते तो 6 महीने बच जाते। सत्ता के नशे में एलजी ने ये किया बहुत गुस्सा आया।
मजदूरों की वजह से मिली हमें सत्ता - केजरीवाल
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिले ऐतिहासिक जीत का श्रेय केजरीवाल ने मजदूरों को दिया। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी आंदोलन से निकली पार्टी है। उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है। दुनिया के इतिहास में आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा 67 सीटें मिली। अमीरों के वोट से नहीं बल्की गरीब और मजदूरों के वोट से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें इस पर फक्र है कि उनकी पार्टी विजय माल्या , नीरव मोदी की पार्टी नहीं है।
ठेकेदारी प्रथा खत्म होनी चाहिए
केजरीवाल ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा मजदूरों के हक में नहीं है। इसलिए इसे जल्द से जल्द खत्म करनी चाहिए। हमारी सरकार पर बिजली और पानी मुफ्त करने के आरोप लगते हैं। लेकिन यह सच है कि हमारी कोशिशों से गरीब मजदूरों के बिजली और पानी का बिल पहले से कम हुए हैं। बिजली के 2500 से 3000 कम हुए हैं।
Published on:
01 May 2018 07:16 pm
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