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सियासी पिच पर ‘डेब्यू चुनाव’ में ऐसा है नेता बने क्रिकेटरों का रिकॉर्ड, किसी को मिली ‘सक्सेस’ तो कोई हुआ ‘क्लीन बोल्ड’

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी गौतम गंभीर पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं गंभीर से पहले कई क्रिकेटर राजनीति में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं कई अपने पहले चुनाव में सफल रहे, कई को पवेलियन लौटना पड़ा

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Cricketers Turned Politician

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 से भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अपने राजनीतिक रण की शुरुआत की है। गंभीर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की टिकट पर पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट आगामी 12 मई को सातवें चरण में मतदान कराया जाएगा। 23 मई को घोषित होने वाले नतीजों में यह साफ हो जाएगा कि मैदान के खेल के धुरंधर राजनीति के गेम के सिकंदर बन पाते हैं या नहीं।

नतीजों से पहले हम आपको कुछ अन्य भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो गंभीर से पहले ही खेल के पिच से निकलकर चुनावी मैदान में कूदे हैं। इनमें से कुछ को विक्ट्री मिली, कुछ क्लीन बोल्ड हुए और कुछ अभी तक सत्ता का सुख भोग रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम भारतीय टीम के पूर्व कप्तान नवाब मंसूर अली खान पटौदी का आता है। उनके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू, मनोज प्रभाकर, विनोद कांबली, चेतन चौहान जैसे खिलाड़ियों का नाम भी इस फेहरिस्त में शामिल है। चुनावी मैदान में कूद चुके हैं। इसमें सिद्धू, चेतन, लक्ष्मी रतन शुक्ला, अजहर और कीर्ति ने सत्ता सुख भी भोगा। हालांकि, इनमें से सिद्धू और कीर्ति आजाद के अलावा कोई भी खिलाड़ी राजनीति की लंबी पारी नहीं खेल पाया। इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन सभी खिलाड़ियों की उनके पहले चुनाव में क्या स्थिति रही।


















































































क्रिकेटरपार्टीसालसीटनतीजा
मंसूर अली खान पटौदीविशाल हरियाणा पार्टी1971हरियाणाक्लीन बोल्ड
चेतन चौहानभाजपा1991अमरोहाविक्ट्री
कीर्ति आजादभाजपा1993दिल्लीविक्ट्री
मनोज प्रभाकरकांग्रेस1998नई दिल्लीक्लीन बोल्ड
नवजोत सिंह सिद्धूभाजपा2004अमृतसरविक्ट्री
मोहम्मद अजहरुद्दीनकांग्रेस2009मुरादाबादविक्ट्री
विनोद कांबलीलोक भारती पार्टी2009विक्रोलीक्लीन बोल्ड
मोहम्मद कैफकांग्रेस2014फूलपुरक्लीन बोल्ड
एस. श्रीसंतभाजपा2016तिरुवनंतपुरमक्लीन बोल्ड
गौतम गंभीरभाजपा2019नई दिल्ली-

मंसूर अली खान पटौदी

क्रिकेट की पिच पर गेंदबाज़ों को पानी पीलाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान मंसूर अली खान पटौदी ने अपना पहला चुनाव हरियाणा की एक पार्टी के लिए लड़ा था। नवाब ने 1971 में राव बीरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली विशाल हरियाणा पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 1991 में भोपाल से आम चुनाव लड़ा, लेकिन यहां भी उनकी हार ही हुई।

चेतन चौहान

खेल के लिए प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित चेतन चौहान ने अपने पारी की शुरुआत भाजपा के साथ की थी। उन्होंने BJP के प्रत्याशी के तौर पर उत्तर प्रदेश के अमरोहा से 1991 और 1998 में लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद उन्‍होंने फिर 1996 में भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 1998 में चेतन चौहान यहां से एक बार फिर सांसद चुने गए। साल 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्‍होंने अपनी किस्‍मत आजमाई, लेकिन हार गए। फिलहाल चेतन उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत युवा और खेल मंत्री हैं।

कीर्ति आजाद

लिस्ट में जिनका अगला नाम हैं, उन्होंने भी क्रिकेट छोड़ने के बाद भाजपा का दामन थामकर ही राजनीति की शुरुआत की थी। हम बात कर रहे हैं कीर्ति आजाद की। कीर्ति आजाद को राजनीति पारिवारिक विरासत के रूप में मिली थी। उनके पिता भगवंत झा बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कीर्ति आजाद 1993 से 1998 तक दिल्ली विधानसभा में BJP के विधायक रहे। इसके बाद साल 1999 में दरभंगा लोकसभा सीट पर भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बने। इसके बाद 2009 और 2014 में भी उन्होंने यहां से जीत दर्ज की। हालांकि, 2015 में BJP से निष्कासित किए जाने के बाद, कीर्ति ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

मनोज प्रभाकर

1996 में खेल से सेवानिवृत्ति लेने के बाद मनोज प्रभाकर ने कांग्रेस की टिकट से 1998 में नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन किस्मत ने राजनीति में उनका साथ नहीं दिया और वो हार गए।

नवजोत सिंह सिद्धू

हाल के दिनों में काफी विवादों में रहने वाले है नवजोत सिंह सिद्धू 2004 में भाजपा में शामिल हुए थे। इंटरनेशनल क्रिकेट में 7000 से ज्यादा रन बनाने वाले सिद्धू ने अमृतसर से आम चुनाव लड़ा और जीता। हालांकि, 2016 में उन्हें पंजाब से राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ी दी और 2017 में कांग्रेस में शामिल हो गए। इस समय वह पंजाब सरकार में पर्यटन, सांस्कृतिक मामलों और संग्रहालयों के मंत्री हैं। बीते काफी दिनों से पाकिस्तान के साथ नजदीकियों और विवादित बयानों को लेकर सिद्धू को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

मोहम्मद अजहरुद्दीन

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन भी राजनीति में अपनी नसीब आजमा चुके हैं। अजहर ने कांग्रेस का हाथ थामकर राजनीति में एंट्री की थी। पार्टी की टिकट पर उन्होंने यूपी के मुरादाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता भी। हालांकि, इसके बाद 2014 के आम चुनावों में वह अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहे।

विनोद कांबली

विनोद कांबली ने अपनी राजनीति की शुरुआत लोक भारती पार्टी से की। पार्टी ने उन्हें उपाध्यक्ष का पद भी सौंपा। साल 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लोक भारती पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मुंबई के विक्रोली से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।

मोहम्मद कैफ

मोहम्मद कैफ ने भी कांग्रेस के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। लॉर्ड्स में खेले गए नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल के हीरो रहे मोहम्मद कैफ ने कांग्रेस की ओर से 2014 आम चुनाव लड़ा। पार्टी की टिकट पर उन्होंने फूलपुर सीट से किस्मत आजमाई, हालांकि यहां उन्हें भाजपा के केशव प्रसाद मौर्या से हार झेलनी पड़ी।

एस. श्रीसंत

भारतीय टीम के तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत साल 2016 में केरल विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीति में शामिल हुए थे। उन्होंने भाजपा की ओर से तिरुवनंतपुरम में चुनाव भी लड़ा था, लेकिन क्रिकेट में सफल गेंदबाज श्रीसंत को इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई। आपको बता दें कि टीम इंडिया को दो वर्ल्ड कप जिताने वाले श्रीसंत आईपीएल फिक्सिंग के बाद से आजीवन बैन झेल रहे हैं। हालांकि, हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन को हटाने का फैसला सुनाया है।