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बराबरी के लिए चुनावी जंग में उतरी राधा, जीती तो बनेगी पहली किन्नर सांसद

लोकसभा चुनाव 2019 में एकमात्र किन्नर प्रत्याशी एम राधा दक्षिणी चेन्नई से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरी चुनावी समर में समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का काम करेंगी राधा

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लोकसभा चुनाव: समाज में समानता लाने को प्रतिबद्ध एकमात्र किन्नर प्रत्याशी राधा

नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2019 में एकमात्र किन्नर ( transgender ) प्रत्याशी एम राधा समाज में समानता लाने के लिए लोकसभा लड़ रही हैं। पेशे से कुक और एक घर में नौकरानी का काम करने वाली राधा के लिए समाज में फैली असमानताओं के बावजूद चुनावी मैदान में उतरना आसान नहीं था। लेकिन राधा का दावा है कि वो नामांकन में सफल होकर पहला पड़ाव पार कर चुकी है, दूसरा पड़ाव है चुनाव जीतना। इसके बाद वो समाज में किन्नरों के प्रति फैली कुसंगतियों को दूर करने का काम करेंगी।

दक्षिणी चेन्नई से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में उतरी राधा को उम्मीद है कि जिस तरह समाज में बढ़ती जागरुकता के चलते उन्हें चुनाव लड़ने का मौका मिला, उसी तरह लोग भी जागरूक होकर उन्हें वोट देंगे। अगर राधा चुनाव जीत जाती हैं तो भारतीय संसद में वो पहली किन्नर सांसद होंगी।

चेन्नई में एक घर में नौकरानी का काम करने वाली राधा काफी शिक्षित थी उन्होंने बगैर किसी मदद के अंग्रेजी विषय में में मास्टर डिग्री हासिल की। लेकिन इतना होने के बावजूद उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली और मजबूरन उन्हें एक घर में कुक और नौकरानी का काम करना पड़ा।

लेकिन राधा को पछतावा नहीं है, वो चुनाव नामांकन के बाद लगातार लोगों की नजरों में आईं और लोगों ने उन्हें सम्मान देना शुरू किया। राधा ने कहा कि अभी तक उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान किसी तरह की असहज स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है। लोग उनका स्वागत करते हैं, उनके साथ चाय- काफी पीते हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था, समाज में आई जागरुकता के चलते ऐसा सकारात्मक बदलाव आया है।

अन्य प्रत्याशियों की तरह राधा के पास प्रचार के बड़े माध्यम नहीं है। उनके पास गाड़ी, लाउडस्पीकर तक नहीं है। वो अपने समुदाय के लोगों की मदद से घर घर साइकिल पर जाकर चुनाव प्रचार करती हैं।

राधा को विश्वास है कि वो अपने दम पर कम से कम एक लाख वोट तो जरूर हासिल कर लेंगी। उन्होंने कहा कि दूसरे दलों के प्रत्याशी जहां पैसे के दम पर चुनाव जीतना चाहते हैं, वो अपनी पहचान के दम पर चुनाव जीतने में विश्वास करती हैं।

चुनाव चिह्न कंप्यूटर माउस दिए जाने के मसले पर राधा का कहना है कि ये इस बात का संकेत है कि बच्चों को शुरू से ही शिक्षा संस्कार देने चाहिए। जिस तरह बिना माउस के कंप्यूटर नहीं चल सकता, उसी तरह बिना शिक्षा के समाज में समानता नहीं लाई जा सकती।