
श्रीनगर। कड़ी सुरक्षा के बीच कश्मीर में भी स्वतंत्रता दिवस मनाया गया | जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने श्रीनगर में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में भाग लिया और ध्वजारोहण किया| कार्यक्रम मे मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की सरकार को उच्चतम न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है और उन्होंने भरोसा जताया कि संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी जाएगी। मुफ्ती ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को यदि कोई खतरा हुआ, तो सत्ता की लड़ाई या राजनीतिक विचाराधाराएं बाधक नहीं बनेंगी और कश्मीर में सभी राजनीतिक दल अपनी विरोधी राजनीति के बावजूद एक साथ मिल कर जबाब देंगे।
फारूक अब्दुल्ला की पिता तुल्य सलाह
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की पिता तुल्य सलाह का पालन किया है। उन्होंने कहा 'हमें देश के हरेक संस्थान पर पूरा विश्वास है। हमें 1947 में वापस ले जाने वाले कुछ लोगों के कई प्रयासों को हमने देखा है। वे एक मुद्दे या अन्य पर उच्चतम न्यायालय गए, लेकिन हमें हमारे उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है, जिसने पहले भी जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया है। महबूबा ने कहा कि राजनीति और सत्ता के लिए हमारा रास्ता अलग हो सकता है, परंतु राज्य के विशेष दर्जे के लिए हम एक ही हैं और कोई भी हमें अलग नहीं कर सकता।
दिल्ली में भी कुछ गलतियां
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत सरकार बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे को हल करेगी। मुफ़्ती के कहा नई दिल्ली के साथ-साथ श्रीनगर से भी गलतियां हुईं। उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानती कि उसके बाद क्या हुआ, गलतफहमियां क्यों बढ़ गईं। दोस्त बनने के बजाय हम दुश्मन बन गए। यहां के साथ—साथ दिल्ली में भी कुछ गलतियां हुईं। इसका परिणाम यह हुआ कि हम पिछले 30 वर्षों से हिंसा की गिरफ्त में हैं। मुफ्ती ने कहा कि देश के बहुत से लोगों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर भारत का ताज है। इसमे कोई शक नहीं है और यह धारणा इसी तरह बनी रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान राज्य में हिंसा को भड़काना बंद करेगा, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का रास्ता फिर से बन सके।
उम्मीद है कि पाकिस्तान समझेगा
उन्होंने कहा पिछले चार महीनों से चीन सीमा पर समस्या पैदा कर रहा है। मैं खुश हूं कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। युद्ध के बाद भी वार्ता करनी होती है। मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान इस वास्तविकता को समझेगा और जम्मू कश्मीर में नकारात्मक भूमिका निभाना बंद करेगा। मुफ्ती ने कहा पाकिस्तान को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से किए गए अपने उस वादे को निभाना चाहिए, जिसमें उसने भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सरजमीं का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने की बात कही थी।
Published on:
15 Aug 2017 08:08 pm
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