
Narendra modi and mehbooba Mufti
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा की बहाली का फैसला दिया है। जिसके बाद से ही इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस बीच जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि केंद्र के लिए वह समय अब आ गया है जब वह राजनीतिक बदले के लिए सीबीआई व एनआईए जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग रोके। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में आलोक वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक के तौर पर फिर से बहाल कर दिया है।
महबूबा ने ट्वीट कर लिखा, "सर्वोच्च न्यायालय के आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के रूप फिर बहाल करने के फैसले का स्वागत है। इसने हमारे लोकतंत्र के संस्थानों की स्वतंत्रता की मान्यता को बहाल किया, जो इसके स्तंभ हैं।"
महबूबा ने कहा, "केंद्र सरकार के लिए यह सही समय है जब वह राजनीतिक बदले के लिए सीबीआई व एनआईए जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को रोके।"
उधर राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने आलोक वर्मा के फैसले को रफाल विवाद से जोड़ दिया। राहुल गांधी का कहना है कि रफाल घोटाले में पीएम मोदी को कोई नहीं बचा सकता है। रफाल की बहस से पीएम मोदी भाग नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा, "रफाल की जांच करने वाले थे सीबीआई प्रमुख। अब सीबीआई (आलोक वर्मा) प्रमुख फिर आएंगे"। राहुल गाधी ने आगे कहा, "सीबीआई प्रमुख को रात में 1 बजे हटा दिया गया क्योंकि वह रफाल घोटाले की जांच शुरू करने वाले थे। अब जबकि वह बहाल हो गए तो कुछ न्याय हुआ है। अब देखते हैं क्या होता है।"
वहीं केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई निदेश आलोक वर्मा की बहाली करने वाला फैसला पीएम पर प्रत्यक्ष तौर पर तोहमत है। मोदी सरकार ने देश में सभी संस्थानों और लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। क्या रफाल घोटाले की जांच को रोकने के लिए सीबीआई निदेशक को गलत तरीके से आधी रात को नहीं हटाया गया, जो सीधे पीएम की ओर जाता है?
Updated on:
08 Jan 2019 06:01 pm
Published on:
08 Jan 2019 02:42 pm
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