
mohan bhagwat says some people trying to defame Savarkar in india
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि आज देश में सावरकर को लेकर जानकारी का अभाव है। ऐसे में हमें सावरकर के बारे में उनके विचारों के बारे में जानने की आवश्यकता है। कुछ लोग हैं जो देश में सावरकर को व बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।
लोगों को जोड़ना है सावरकर
आरएसएस प्रमुख भागवत ने विनायक दामोदर सावरकर पर लिखी एक पुस्तक के विमोचन के दौरान यह बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि सावरकर, स्वामी विवेकानंद और स्वामी अरविंद के विचार के कारण बने। सावरकर लोगों को जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में धर्म का मतलब जोड़ने वाला है इसे पूजा से नहीं जोड़ सकते हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि संसद में लोग एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं, चीखते हैं चिल्लाते हैं। वहीं बाहर सब एक है। सबका हिंदुत्व एक है और वह सनातन है। भारत में जो आया वह यहां का हो गया इसलिए विभाजन की बात मत करें। कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं, हमें उनसे सतर्क रहने की जरूरत है।
भागवत ने सर सैयद अहमद खां का जिक्र करते हुए कहा कि उनका हिंदू महासभा द्वारा पहले मुस्लिम बैरिस्टर क तौर पर स्वागत किया। इस पर उन्होंने कहा था क्या मैं अलग हूं। बिस्मिल ने कहा था कि अगर मेरा पुनर्जन्म हो तो भारत मे ही हो। सावरकर की भी यही सोच थी, लेकिन हम उनके बारे में कुछ नहीं जानते।
Published on:
12 Oct 2021 07:52 pm
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