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सांसद मनोज झा ने केशव प्रसाद मौर्य से पूछा, किस हक से आप सुप्रीम कोर्ट को दे रहे हैं चुनौती?

राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह का बयान देना सही नहीं है।

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Dhirendra Kumar Mishra

Aug 21, 2018

manoj jha

सांसद मनोज झा ने केशव प्रसाद मौर्य से पूछा, किस हक से आप सुप्रीम कोर्ट को दे रहे हैं चुनौती?

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को चुनौती देने वाले यूपी के डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने सवाल उठाया है। उन्‍होंने डिप्‍टी सीएम से पूछा है कि केशव प्रसाद मौर्य सर्वोच्च न्यायालय को चुनौती किस आधार पर दे रहे हैं। जब इस बात पर पहले से ही सभी के बीच इस बात पर आम राय है कि सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय देगा वो सभी को मान्‍य होगा। इसके बावजदू वो इस तरह का भड़काव बयान देने वाले कौन होते हैं। केपी मौर्य किस हक और अधिकार से इस तरह का बयान दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि यह अनुसूचित जाति का अपमान करने का मामला है ।

जान बूझकर दिया जा रहा है तूल
उनके इस बयान का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने पलटवार किया है। उन्‍होंने कहा है कि राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बयान देना सही नहीं है। नेताओं को इस मामले में बयानबाजी से बचना चाहिए। फिरंगी महली ने पूछा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो फिर नेता जानबूझकर ऐसे बयान क्यों देते हैं? फिरंगी महली ने कहा है कि कई चुनाव इसी मुद्दे पर पार्टियों ने लड़े हैं। जान बूझकर ऐसे मुद्दों को हवा दी जा रही है। जनता भी यह चाहती है कि एक अच्छे माहौल में न्यायालय के फैसले से हल निकले।

मुस्लिम संगठनों का पलटवार
आपको बता दें कि यूपी के डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा राम मंदिर पर दिए गए बयान को लेकर मुस्लिम संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आने लगी है। इन संगठनों का कहना है कि राम मंदिर मुद्दे को भाजपा जान बूझकर हवा दे रही है। इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर बयानबाजी सही नहीं है।

क्‍या कहा था केशव प्रसाद मौर्य ने
यूपी के डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था कि राज्यसभा में बहुमत होता तो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विधेयक पास कराकर राम मंदिर का निर्माण करा दिया जाता। फिलहाल भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। इसलिए ऐसा करना संभव नहीं है। जबकि देश के करोड़ों लोग अयोध्या में राम मंदिर देखना चाहते हैं। हमारे लिए भी यह आस्था का विषय है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि जब राम मंदिर के लिए दोनों (बातचीत और सुप्रीम कोर्ट) रास्ते बंद हो जाएंगे तो संसद के माध्यम से मंदिर बनाएंगे।